कृषि कानून रद्द होने के बाद भारतीय किसान यूनियन ने आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया था। दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हुए किसानों की घर वापसी भी शुरू हो गई थी। इस पूरे आंदोलन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत चर्चा में रहे और वो सरकार के खिलाफ हर मोर्चे पर खरे उतरे। राकेश टिकैत का ‘बीबीसी’ के साथ एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है।

वायरल हो रहे इंटरव्यू में राकेश टिकैत से सवाल पूछा गया था, ‘आप राजनीतिक जरिया कैसे इस्तेमाल करेंगे? इस बार और कृषि कानून रद्द होने के बाद भी सरकार को वोट की चोट लगेगी?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘हमारे पास सभी तरह के इलाज हैं। जैसा इलाज सरकार मांगेगी वैसा ही इलाज उसे दिया जाएगा। वोट की चोट का इलाज हम लोग आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे। अभी सरकार के पास काम करने का अधिकार है। सरकार चाहे तो किसानों का चेहरा बन सकती है। हम लोग तो चाहते हैं सरकार बात करे।’

टिकैत आगे कहते हैं, ‘ऐसे ही अगर किसान भी कह दे कि मेरे भी दरवाजे बंद हैं और मुझे किसी से बात नहीं करनी है। चीन और पाकिस्तान से सरकार बात कर सकती है, लेकिन किसान उसे दिखाई नहीं देता है। सरकार को अभी भी समय रहते इस बात को समझ जाना चाहिए कि ये बात बिल्कुल सही हो रही है। समझौता हम लोग टेबल पर ही करेंगे, ऐसे नहीं हो सकता है कि हवा में समझौता हो जाए। ये सभी लोग हिंदुस्तान के किसान हैं कोई बाहर से नहीं आए हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि हम लोगों से बात ही नहीं की जाए।’

राकेश टिकैत ने आगे कहा था, ‘आप लोग किसी को बात नहीं करने देते। देश की प्रेस को आजादी नहीं है। मीडिया पर भी सरकार का पहरा है। हर चीज पर सरकार का कब्जा होता जा रहा है। कई लोग प्यार से बिक रहे हैं तो कई लोगों को डराया जा रहा है। हम लोग अपने किसान भाइयों को समझा रहे हैं कि सरकार पर इथने आराम से विश्वास मत कर लेना। क्योंकि सरकार का वायदा और जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग तरीके से नज़र आती है। हम लोग तो चाहते हैं कि वो हमें बुलाएं बात करने के लिए।’