केंद्र सरकार ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही कृषि कानूनों को वापस ले लिया। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या अब किसान अंदोलन खत्म हो जाएगा। लेकिन अभी इसके खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। क्योंकि किसान संगठन एमएसपी पर कानून की मांग को लेकर भी अड़े हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार की तरफ से एमएसपी पर गारंटी नहीं दी जाती है तब तक वह दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन जारी रहेगा।

‘न्यूज़24’ के साथ इंटरव्यू में राकेश टिकैत से आगे की रणनीति को लेकर सवाल किया गया है। राकेश टिकैत से सवाल पूछा गया था, ‘अब लोग कह रहे हैं कि पहले किसानों की मांग थी कि कृषि कानून वापस लो। दरअसल ये सब बातें तो बहाना है, आंदोलन को तब तक चलाना है, मोदी जी को कुर्सी से हटाना है।’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘हमारा इससे कुछ लेना देना नहीं है। मोदी जी के बाद कोई न कोई तो देश का प्रधानमंत्री बनेगा ही। ये नहीं होंगे प्रधानमंत्री तो कोई दूसरा बनेगा। कानून को भारत सरकार लेकर आई थी। कोई व्यक्ति इस कानून को लेकर नहीं आया।’

राकेश टिकैत ने आगे जवाब दिया, ‘अगर किसी भी सरकार की कोई पॉलिसी खराब होगी तो उसका विरोध करने का हमारा पूरा अधिकार है। अभी निपटा लो, सस्ते में निपट जाएगा। क्योंकि हम तो चाहते हैं कि सभी चीजें सस्ते में निपट जाएं। सरकार को पहले ही कानूनों पर भी फैसला कर लेना चाहिए था, लेकिन सरकार उस दौरान भी सोती रही। अब तो हमारा विरोध सीधा सरकार से है। किसी व्यक्ति का विरोध करने में हम लोग विश्वास नहीं रखते हैं। भारत सरकार ने कानून वापस लिए, हमें एमएसपी पर और गारंटी मिल जानी चाहिए।’

सरकार पर साधा निशाना: राकेश टिकैत ने कहा, ‘किसानों के घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है। MSP गारंटी कानून और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा। 4 दिसंबर, शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक है।’ इसके बाद ही आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। फिलहाल अभी तक टिकैत, एमएसपी गारंटी कानून की मांग पर अड़े हुए हैं और वह जोर दे रहे हैं कि कृषि कानून वापस होने के बाद सरकार को एमएसपी गारंटी कानून भी बनाना चाहिए।