पंजाब में भीड़ द्वारा अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत पर एक तरफ जहां सियासी टिप्पणी जारी है, वहीं इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी का लिंचिंग से ट्वीट आया है। केंद्र सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था।’ अब इस पर न्यूज़ चैनल ‘आजतक’ पर लाइव डिबेट में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस पर जवाब दिया है।

वरिष्ठ पत्रकार अंजना ओम कश्यप ने जब संबित पात्रा से इसको लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 84 के दंगों के लिए मैं माफी मांगूं? क्यों हत्यारा राजीव गांधी और माफी मांगे भारतीय जनता पार्टी।’ ये सुनने के बाद अंजना ओम कश्यप उन्हें टोकते हुए कहती हैं, ‘क्या किसी कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया है जो आप उन्हें सीधा हत्यारा कह रहे हैं?’ संबित पात्रा कहते हैं, ‘अंजना जी, मैं एक सवाल पूछूं बुरा मत मानियेगा। गुजरात को लेकर जब नरेंद्र मोदी जी पर निशाना साधा गया तो किसी ने ये सवाल नहीं पूछा।’

संबित पात्रा आगे कहते हैं, ‘मोदी जी को भी तो किसी कोर्ट ने दोषी नहीं ठहराया। तब ऐसे सवाल क्यों नहीं पूछे जाते हैं। आरएसएस को गांधी का हत्यारा ये लोग रोज़ाना कहते हैं। तब किसी ने क्यों कांग्रेस पार्टी से इसको लेकर सवाल नहीं पूछा। मैं देश के सबसे बड़े चैनल में बैठा हूं और राहुल जी की तरह किसी को दलाल नहीं कहूंगा। राहुल गांधी हर पत्रकार का दलाल कहते रहते हैं। मीडिया पर किसी से सवाल नहीं पूछती है। हम किसी को कुछ नहीं कहते हैं। हम बहुत अदब के साथ डिबेट करने यहां आए हैं।’

संबित पात्रा ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के लोग हमें रोज़ाना गांधी के हत्यारे कहते हैं। किस कोर्ट ने कहा कि हम लोग गांधी के हत्यारे हैं। मैं साफ कहता हूं कि राजीव गांधी 8 हजार सिखों के हत्यारे हैं। बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। इससे ज्यादा सीधा आप किसी को क्या कहेंगे। इंदिरा गांधी जी की हत्या के बाद सिखों के साथ जो भी हुआ उतनी तो धरती हिलेगी ही। ज्ञानी जैल सिंह उस दौरान देश के राष्ट्रपति थे, उनके ऊपर भी पथराव हुआ। कांग्रेस के लोगों ने उनके ऊपर भी पथराव किया।’

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘देश के राष्ट्रपति के ऊपर कांग्रेस के लोग पथराव कर देते हैं और राहुल गांधी कहते हैं कि लिंचिंग शब्द 2014 के बाद सुनने में आया है। गजब की बात है, ऐसे कैसे संभव है।’