सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर सियासत जारी है। खासकर भारतीय जनताा पार्टी सुशांत के लिए इंसाफ की मांग कर रही है। पार्टी की बिहार इकाई इस मुद्दे को बिहारी अस्मिता से जोड़कर पेश कर रही है और आगामी विधानसभा चुनावों में इस मुद्दे को भुनाने के प्रयास में हैं। बिहार बीजेपी के कला और संस्कृति प्रकोष्ठ ने सुशांत सिंह राजपूत की तस्वीर के साथ स्टीकर भी छपवाया है जिस पर लिखा है ‘ना भूले हैं ना भूलने देंगे।

बिहार बीजेपी के कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के महामंत्री बरुण कुमार सिंह के मुताबिक ऐसे 30 हज़ार स्टीकर पूरे बिहार में चिपकाए जाएंगे। बीजेपी के इस कदम पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। सुशांत की मौत को राजनीतिक नहीं बल्कि इमोशनल मुद्दा करार देने वाली बीजेपी ने साल 2018 में सुशांत की फिल्म ‘केदारनाथ’ को बैन करने की मांग की थी और इसके लिए बाकायदा अभियान भी चलाया था। जगह-जगह प्रदर्शन भी किये थे।

तब बीजेपी ने आरोप लगाया था कि सुशांत सिंह राजपूत की इस फिल्म के जरिए लव जेहाद को प्रमोट किया जा रहा है। अब सोशल मीडिया पर बीजेपी के इसी प्रदर्शन की तस्वीरें साझा कर लोग तंज कस रहे हैं। इसमें तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता भी शामिल हैं।


लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लिखा ‘दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत भारतीय अभिनेता थे, लेकिन बीजेपी ने अपने सियासी फायदे के लिए उन्हें बिहारी अभिनेता करार दे दिया।

ट्विटर पर जैमिनी नाम के एक यूजर ने लिखा ‘जब सुशांत जिंदा थे तब बीजेपी उनकी फिल्म केदारनाथ बैन करवाना चाहती थी, उन्हें लग रहा था कि इसमें लव जेहाद प्रमोट किया जा रहा है। अब जब सुशांत सिंह राजपूत जिंदा नहीं हैं तब बीजेपी उनकी तस्वीर को अपने चुनावी अभियान के पोस्टर में यूज कर रही है।’