भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और गोरखपुर से भाजपा के सांसद रवि किशन ने राजनीति में भी खुद को साबित किया है। हालांकि जब वो सक्रिय राजनीति में आए थे तब उन्हें लोग ताने देते थे कि वो नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के बल पर राजनीति में आ तो गए लेकिन जीत नहीं पाएंगे। इस बात का जिक्र रवि किशन ने हाल ही में किया है।

शुक्रवार को रवि किशन न्यूज 18 इंडिया के कार्यक्रम, ‘एजेंडा पूर्वांचल’ में शामिल हुए थे जहां उन्होंने अपने राजनीतिक सफर पर बात की, साथ ही अपने विरोधियों पर भी निशाना साधा। बातचीत के दौरान शो की एंकर ने उनसे कहा ‘जब कोई एक्टर आता था राजनीति में तो लोगों को लगता था कि ये आया है, हाथ हिलाकर चला जाएगा। लेकिन आपने उसे गलत साबित कर दिया।’

रवि किशन ने जवाब दिया, ‘सबको लगता था कि महाराज जी (योगी आदित्यनाथ) जी ले आए, माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने भेज दिया, मोदी जी का आशीर्वाद है…ये जीतेगा…ये तो उड़ के चला जाएगा। सबको लगता था कि ये हवा हवाई है। आए हैं पैराशूट से, पैराशूट से चले जाएंगे। ये बात जब मैं चुनाव प्रचार करता था तब भी मैं पीछे से सुनता था।’

उन्होंने आगे कहा, ‘कितने लोग कहते थे कि बड़ा मुश्किल है। 40 साल से यहां पर पूजा पाठ हुआ और अब एक हीरो को महाराज जी क्यों ला रहे हैं? मुझे बड़ा दुख होता था…. लोगों ने कभी ये जानने की कोशिश नहीं की कि इस हीरो ने गरीबी बहुत देखी है। इस हीरो ने भोजपुरी इंडस्ट्री की रचना रची, एक लाख लोगों को रोजगार दिया, यही इसकी सोच थी। पूरा विश्व घूमकर ये लोगों की सेवा के लिए गोरखपुर आया। अच्छा हुआ, लोगों के कटाक्ष सुनता रहा। ताने ने पार्लियामेंट पहुंचाया।’

इस दौरान रवि किशन ने लखीमपुर खीरी की घटना पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति, किसी भी पद पर बैठा हो, उसे कोई अधिकार नहीं है किसी भी अपराध का। चाहे वो भाजपा का है, विरोधी पक्ष का है, पुलिस की वर्दी में है.. अपराध को अपराध की तरह देखा जाता है, कानून सबके लिए एक है। लखीमपुर खीरी में जिसने भी गलत किया, उस पर पूरी जांच बैठी है और जो गलत होगा बख्शा नहीं जाएगा।’

रवि किशन ने अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी। साल 2014 में जौनपुर सीट से उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा था जहां उनकी हार हुई। 2017 में वो बीजेपी में शामिल हो गए और अगले लोकसभा चुनावों में उन्होंने गोरखपुर से चुनाव लड़ा। उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रामभुअल निषाद को करारी शिकस्त दी थी।