फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर मचा विवाद अभी तक शांत नहीं हुआ है। लगातार हो रही नेताओं की बयानबाजी से यह फिल्म चर्चाओं में है। कुछ दिन पहले ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर कहा था कि कश्मीरी पंडितों के पलायन के बारे में देश भर में झूठ फैलाया जा रहा है। झूठ की वजह से देश का माहौल जहरीला बनाने की कोशिशें शुरू हैं।

फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर क्या बोले शरद पवार?: दिल्ली में एक कार्यक्रम में शरद पवार ने कहा कि इस प्रकार की फिल्म को स्क्रीनिंग के लिए इजाजत नहीं देनी चाहिए थी। उल्टा इस मूवी को टैक्स में छूट दी जा रही है। शरद पवार ने आगे कहा कि जिन लोगों पर देश को एकजुट करने की जिम्मेदारी है वही लोग इस फिल्म को देखने की अपील कर रहे हैं।

अशोक पंडित ने दिया ये जवाब: शरद पवार के इस बयान पर अब फिल्ममेकर अशोक पंडित ने जवाब दिया है। अशोक पंडित ने ट्विटर पर लिखा कि “आदरणीय  शरद पवार जी! मैं एक कश्मीरी हिंदू हूं और आप से मेरी मातृभूमि (कश्मीर) की कसम खाकर कहना चाहता हूं कि कश्मीर फाइल्स में जो भी कुछ दिखाया गया है वो १०० % सत्य है! हमारा नरसंहार हुआ था! अगर हमारे लिए कुछ कर नहीं सकते तो मत करिए लेकिन हमारे जख्मों पर मिर्च मत छिड़किए!”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: सोशल मीडिया पर अब लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। संदीप वत्स नाम के यूजर ने लिखा कि “अशोक भाई इसमें कसम खाने की कोई बात ही नहीं, इन्हें विश्वास दिलाना जरूरी भी नहीं है। हम १०० करोड़ लोगों को पता है कि आप १००% सच कह रहे हैं।” नंद नाम के यूजर ने लिखा कि “अशोक जी, पवार साहब बहुत अच्छे से जानते हैं कि सब कुछ सही दिखाया गया है फिल्म में। वो ये सब केवल और केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ और चंद वोटों के लिए बोल रहे हैं।”

प्रदीप शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि “जब से ये प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर हुए हैं, तभी से बौखलाए हुए हैं। कुछ भी बोल सकते हैं, इनसे प्लीज का कोई मतलब नहीं, सीधी आलोचना करें।” ब्रिज नाम के यूजर ने लिखा कि “अशोक जी, हुआ तो था पर वो आम मुसलमानों ने नहीं किया था। वो सब पाकिस्तान से आए हुए आतंकवादी थे। उसके लिए अब अपने देश में नफरत फैला रहे हो आप लोग।”

प्रमोद कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “कश्मीर फाइल के डिस्क्लेमर में यह भी लिखिए ना कि ये सत्य घटना पर आधारित है।” निरंजन नाम के यूजर ने लिखा कि “NCP के सारे सांसदों और विधायकों के आवास का शांतिपूर्ण तरीके से घेराव कर अनशन करें, जब तक कि उनकी पूरी पार्टी सार्वजनिक रूप से माफी न मांगे।”