बॉलीवुड एक्टर्स बड़ी हिट फिल्में देने के बाद रातों-रात स्टार बन जाते हैं। लेकिन बावजूद इसके उन्हें अपनी पापुलैरिटी बनाए रखने के लिए कई विज्ञापनों और ब्रांड पार्टनरशिप भी करनी पड़ती है। लेकिन पहले के जमाने में ऐस नहीं था। अमिताभ बच्चन जो एक बॉलीवुड का एक बड़ा नाम हैं और अब टीवी पर कई विज्ञापनों में नजर आते हैं, कभी विज्ञापन करने से कतराया करते थे।
वो मुंबई एक्टर बनने आए थे और वो कोई विज्ञापन नहीं करना चाहते थे। भले ही उन्हें सड़क पर सोना पड़े या कैब चलाकर गुजारा करना पड़े, लेकिन उन्हें विज्ञापन नहीं करना था। साल 1999 में वीर सांघवी के साथ बातचीत में अमिताभ ने बताया था कि उनकी कंपनी एबीसीएल (अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड) बड़े कर्ज में डूब गई थी।
अमिताभ बच्चन ने बताया कि जब वो मुंबई आए थे, उन्हें विज्ञापनों में काम करने का ऑफर दिया गया था, जिसके लिए उन्हें 10,000 रुपये भी दिए जा रहे थे, जो साल 1960 के दशक में बड़ी रकम थी। उस वक्त वो रेडियो पर काम करके 50 रुपये महीना कमाते थे। लेकिन उन्हें विज्ञापन करने के नाम से ही चिड़ थी। इसलिए उन्होंने वो ऑफर ठुकरा दिया।
अमिताभ को लगता था अगर पैसों के लालच में उन्होंने विज्ञापन का ऑफर ले लिया, तो वो फिल्मी दुनिया में काम नहीं कर पाएंगे। वो अभिनेता बनने के लिए मुंबई आए थे और यही उनका एकमात्र फोकस था। उन्होंने कहा था,”मैं एक ड्राइविंग लाइसेंस के साथ बॉम्बे आया था और बाकी कुछ नहीं था। मुझे कहा गया था कि अगर मैं अभिनेता नहीं बना तो कैब चलाऊंगा।” उन्होंने कहा कि मेरा पूरा इरादा एक्टिंग करने का था।
मरीन ड्राइव पर सोते थे अमिताभ: अमिताभ बच्चन को खई रातें मरीन ड्राइव की बेंच पर सोकर बितानी पड़ी थीं। लेकिन बावजूद इसके उस समय 10,000 रुपये ठुकराना उनका बड़ा फैसला था। एक्टर ने बताया कि उस वक्त उनके पास रहने के लिए जगह नहीं थी। दोस्तों के घर पर भी आप ज्यादा समय तक नहीं रह सकते। इसलिए मैंने अपने जीवन के कुछ दिन बिताए मरीन ड्राइव की बेंच पर बिताए, जहां मैंने दुनिया के सबसे बड़े चूहे देखे।