न्यूज 18 इंडिया की लाइव डिबेट में अमिश देवगन एक पैनलिस्ट पर बुरी तरह तब बिफर पड़े जब उनसे सवाल पूछ लिया गया कि वह कानून के बारे में जानते क्या हैं? दरअसल, लाइव डिबेट में उस वक्त पत्रकार आलोक मेहता, TMC समर्थक तौसीफ़ खान मौजूद थे। तौसीफ खान ने डिबेट के दौरान जब एंकर अमिश देवगन से ये सवाल कर डाला तो अमिश देवगन भी भड़कते हुए तौसीफ खान से कहने लगे- ‘ जितनी आपकी उम्र नहीं होगी उससे ज़्यादा आलोक मेहता जी का अनुभव है?’
डिबेट में अमिश देवगन ने टीएमसी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ‘बंगाल में जनता की बात महत्वपूर्ण है। पिछले 24 घंटे में बहुत मौतें हुई हैं। 24 घंचे में 19 हजार से ज्यादा मामले आए हैं। लगातार शिकायतें आ रही हैं कि टेस्ट नहीं हो रहे हैं। लगातार अस्पतालों से शिकायतें आ रही हैं। बंगाल में पॉजिटिविटी रेट 27% से ऊपर है। देश में पॉजिटिविटी रेट 13.2%। वैक्सिनेशन के मामले में भी आप यूपी हो महाराष्ट्र हो उनसे आप पीछे चल रहे हैं।
अमिश ने आगे पूछा- ‘मैं आपसे सीधा और स्पष्ट सवाल पूछता हूं.. कोविड की परिस्थिति को लेकर ममता बनर्जी को तब सीरियस होना चाहिए था जब उनके मंत्री सीबीआई कोर्ट में पेश हो रहे थे। तब वो सड़क पर आकर धरने में बैठ गए। कार्यकर्ता पत्थर फेंक रहे थे।’
#आर_पार
तौसीफ़ ख़ान(TMC) ने अमिश देवगन से पूछा आप जानते क्या हैं क़ानून के बारे में?#MaskPehnoIndia #FightAgainstCOVID19 #FightBackIndia #CoronaSecondWave @AMISHDEVGAN pic.twitter.com/io4WteoCWS— News18 India (@News18India) May 20, 2021
ऐसे में तौसीफ़ पलटकर जवाब देते हैं- आपको भी हवा लग गई है क्या नरेंद्र मोदी की? मेरी सुनिए क्या आप अकेले बोलते रहेंगे? तभी अमिश देवगन भड़कने लगे फिर तौसीफ़ ने कहा कि यही वजह है कि मैंने कहा कि आप अपना रेडियो बंद करिए। अमिश के सवालों पर टीएमसी नेता बोले- वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी में पढ़े लोग केंद्र सरकार चला रहे हैं।
जब लगातार अमिश अपनी बात कहते हैं तो बिफरते हुए टीएमसी नेता बोल पड़ते हैं- अऱे आप जानते क्या हैं कानून के बारे में? कौन सा कानून कहता है कि आपको बिना सुनवाई के जेल में डाल दिया जाएगा? आपने कौन से कानून की किताब पढ़ी है? इस पर अमिश देवगन जवाब देते हैं- ये देश का कानून है जी और मुझे इस देश के कानून पर गर्व है।
तौसीफ़ जवाब में कहते हैं- व्हॉटसेप यूनीवर्सिटी से पढ़ाई की है आपने। अमिश थोड़ी देर चुप हो जाते हैं फिर वह सवाल कर तौसीफ़ से कहते है- ये हाईकोर्ट ने कहा कि नहीं कहा? मैंने वही कहा है जो कोर्ट ने कहा है।