‘आज तक’ पर एक डिबेट के दौरान रोहित सरदाना ने बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी से पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर सवाल किया। सरदाना ने पूछा कि बीजेपी के तमाम नेता दावा कर रहे हैं कि भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता राकेश टिकैत के पश्चिम बंगाल में प्रचार करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ये सरकार का विश्वास है या आत्मविश्वास है या अहंकार है?

रोहित सरदाना के इस सवाल पर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने जवाब देते हुए कहा, ‘न अहंकार है, न आत्मविश्वास है… बस एक बात कहूंगा, ज्यों-ज्यों ये आंदोलन बढ़ता चला गया त्यों-त्यों इसका खोल उतरता चला गया। अब तीन बातें स्पष्ट हैं। अभी तक कहा जाता था कि ये किसानों का आंदोलन है, लेकिन अब ये साफ है कि ये किसानों का नहीं राजनीतिक आंदोलन है। और इनका प्रयास है दूसरी पार्टियों से हाथ मिला कर सरकार को गिराना।’

उन्होंने आगे कहा- ‘दूसरा पॉइंट है- ये वही नंदीग्राम है और वही सरकार है, जिसने किसानों से जमीन खाली कराने के लिए पुलिस बल का नहीं बल्कि अपने कैडर का प्रयोग किया था। कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाठी नहीं गोली चला कर ही किसानों को मारकर, भगाकर जमीनें खाली कराई थीं। और ये हमारा कहना नहीं, ममता बनर्जी का कहना है। और वो आज आकर बैठ गए, किसानों के समर्थक बनकर…।’

बीजेपी नेता ने आगे कहा- ‘तीसरी बात- ‘ममता दीदी कहती थीं कि यहां कोई बाहरी नहीं आएगा। बंगाल में बंगाल का आदमी चलेगा। अंदर- बाहरी नहीं… टिकैत जी हो, राजेवाल जी हों, योगेंद्र यादव जी हों..अतुल जी हों..। तमाम कम्युनिस्ट पार्टी के नेताय… ये क्या बंग भूमि के हैं? इसलिए मैंने कहा कि जैसे-जैसे ये आंदोलन बढ़ता जाएगा, सब साफ होता जाएगा।’

इसके बाद सरदाना टीएमसी के प्रवक्ता मनोजीत मंडल से पूछते हैं- ‘ये राकेश टिकैत वहां पहुंच पंचायत कर रहे हैं। लेकिन वो ये कह रहे हैं कि देश के मुकाबले यहां तो किसानों की हालत और खराब हो रही है।’ इस पर मनोजीत कहते हैं- ‘सबको पता है कि दीदी ने किसानों के लिए क्या क्या किया है। बंगाल में 75 लाख लोगों को एक योजना मिलती है, जिसे हम ‘कृषक बंधु’ कहते हैं।’

मनोजीत आगे कहते हैं- ‘दूसरी बात, एक ऐसी घटना दिखा दीजिए बंगाल में कि जहां किसान आत्महत्या कर रहे हैं? जैसे बाकी राज्यों में कर रहे हैं। राजस्थान देख लीजिए, महाराष्ट्र देख लीजिए। लेकिन ऐसा बंगाल में दिखा दीजिए। बंगाल में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, मुझे नहीं लगता… ऐसा कहीं दिखाया गया होगा। 4-5 सालों से मैं आपके चैनल पर आ रहा हूं। इससे पता चलता है कि बंगाल में किसान बहुत खुश हैं। हम ये बात मानते हैं कि देश में किसानों की हालत खराब है, लेकिन बंगाल में ऐसा नहीं है।’

इस पर सरदाना आगे पूछते हैं- ‘तो क्या बंगाल का किसान खुश है? तो क्या इसलिए किसानों ने देश में चक्का जाम किया था। बंगाल का किसान नहीं उतरा सड़कों पर?’ इस पर टीएमसी प्रवक्ता कहते हैं- ‘अरे बिल के खिलाफ उतरे थे…।’

सरदाना आगे कहते हैं- ‘मेरा एक सवाल है, तीन सीटें हैं बीजेपी की पश्चिम बंगाल विधानसभा में, अभी सुधांशु त्रिवेदी ने जिक्र किया। अगर बीजेपी के हाथ से वो तीन सीटें चली भी जाएंगी तो केंद्र सरकार पर इसका क्या असर पड़ेगा? इस पर टीएमसी नेता ने कहा- इतने दिन हो गए, अभी तक उनका कैंडिडेट भी सामने नहीं आया है…।