देश में कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार लगातार नए कदम उठा रही है। दूसरी तरफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन भी जारी है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत साफ कर चुके हैं कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती आंदोलन खत्म नहीं होगा। इसी मुद्दे पर आजतक के शो ‘टक्कर’ में चर्चा हुई। बीजेपी का पक्ष रखने के लिए संबित पात्रा डिबेट में शामिल हुए।

शो की एंकर अंजना ओम कश्यप ने संबिता पात्रा से इसी मुद्दे पर कई सवाल किए। अंजना ने पूछा, ‘ठंड में और कोरोना के बीच किसान सड़क पर बैठा है और ये आपकी ही जिम्मेदारी और जवाबदेही है। कब तक बोलिएगा कि किसान विपक्षी पार्टियों के हैं? वह आज भी कह रहे हैं जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी घर वापसी नहीं करेंगे।’

अंजान ओम कश्यप के सवाल के जवाब में संबित पात्रा कहते हैं, ‘अगर सारे किसान सड़क पर बैठे हुए हैं तो 30.54 करोड़ टन का जो रिकॉर्ड बंपर उत्पादन हुआ है इसमें गेहूं, चावल सब शामिल है। ये क्या राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला जाकर किसानी कर रहे थे? इन्होंने हल चलाया इन्होंने खेत जोता है, जो इतना उत्पादन हो गया। ये बात मत कहिए कि सारा किसान नाराज होकर रास्ते पर बैठा हुआ है।’

मुट्ठीभर लोगों को किसान नहीं कह सकते- संबित पात्रा

संबित पात्रा आगे कहते हैं, ‘हां, मुट्ठीभर लोग जरूर आंदोलन कर रहे हैं और वो कैसा आंदोलन कर रहे हैं ये हमने 26 जनवरी को देखा। जिन्होंने 26 जनवरी को लाल किले पर हुड़दंग मचाया मैं उन्हें अन्नदाता नहीं कह सकता। जिन्होंने बंपर प्रोडक्शन किया है मैं उन्हें ही अन्नदाता कहूंगा और पैर छूकर नमन भी करूंगा।’

सरकार की नीतियों पर फोकस करते हुए संबित पात्रा कहते हैं, ‘सरकार ने किसानों को आखिर ऐसा क्या दिया कि ये बंपर प्रोडक्शन हो पाया है? किसान सम्मान निधी में किसानों को छह हजार दिए गए। कई नेताओं के लिए ये छह हजार मायने नहीं रखता होगा क्योंकि वह 500-1000 की तो कॉफी पीते हैं। 1,37,000 करोड़ रुपए इस प्रकार से किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को देना बहुत बड़ा फैसला था।’

अंजना ओम कश्यप पूछती हैं- ‘जो सड़कों पर बैठे हैं वो किसान हैं या कोई और?’ इसके जवाब में संबित पात्रा कहते हैं, ‘मैं उनका नामांकन नहीं करूंगा जिन्होंने 26 जनवरी का हुड़दंग किया जो लोग कोरोना नियमों को नहीं मानते वो किसान तो नहीं हो सकते। देश का किसान कामगार है और मेहनती है।’

संबित पात्रा के जवाब पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। एमडी दानिश नाम से ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘संबित जी, देश का किसान बहुत समझदार है उसे पता है कि अगर वह गेहूं नहीं उगाएगा तो हम सभी लोग भूखे मर जाएंगे। ऐसे में आपका दावा पूरी तरह खोखला है।’ अलका जोशी नाम से ट्विटर यूजर लिखती हैं, ‘क्या देश के किसान पर ऐसे अंगुली उठाना सही है? 26 जनवरी वाली घटना का आरोपी तो खुद बीजेपी नेता का करीबी है। पहले उसकी तो जांच कराइए।’