प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए किसानों को लेकर बात की। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान किसान आंदोलन के संदर्भ में एक नए शब्द, ‘आंदोलनजीवी’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। देश में एक नई जमात, ‘आंदोलनजीवी’ पैदा हो गया है जो हर विरोध प्रदर्शनों में देखा जा सकता है। वे परजीवी हैं।

नरेंद्र मोदी के इस बयान पर संयुक्त किसान मोर्चा ने आपत्ति जताई और कहा कि ये किसानों का अपमान है। इस शब्द को लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब बातें हो रही हैं। आजतक के डिबेट शो, ‘दंगल’ में भी इस शब्द को लेकर बहस छिड़ गई। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शो के एंकर रोहित सरदाना से कहा, ‘मैं जरा बता दूं कि आंदोलनजीवी क्या होता है। आंदोलन करने वाले बुरे नहीं होते, महात्मा गांधी भी आंदोलन करते थे। मगर आंदोलनजीवी परजीवी होता है ये प्रधानमंत्री ने कहा।’

संबित पात्रा ने कोयल का उदाहरण देते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ‘कोयल अमूमन छुट्टी पर होती है। अपना काम नहीं करती लेकिन जब अंडा देने का वक्त आता है तो वो घोंसला खोजती है और जाकर कौवें के घोंसले में अंडा से देती है। बाद में जब अंडा फूटता है तब कौवें को पता चलता है कि ये तो कोयल का अंडा है।’

संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो वही कोयल हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘ये सारे योगेंद्र यादव इत्यादि लोग हर घोंसले में जाकर अंडे देते हैं, दूसरे के मेहनत पर अपने आपको बधाई दिलवाते हैं, वो आंदोलनजीवी हैं।’ उनके इस बात पर रोहित सरदाना ने उनसे सवाल पूछा, ‘इस हिसाब से तो दीप सिद्धू आपका अंडा था जो आप कांग्रेस के घोंसले में दे आए हैं जाकर? फोटो तो आपके नेताओं के साथ खिंचवाता था वो?’

 

जवाब में संबित पात्रा दीप सिद्धू के साथ निखिल भल्ला की तस्वीर दिखाते हुए बोलते हैं, ‘मैं आपको एक और अंडा दिखता हूं। दीप सिद्धू के साथ निखिल भल्ला की तस्वीर, फिर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ निखिल भल्ला की तस्वीर। ये किसका अंडा है फ़िर?’