Lok Sabha Chunav 2024: पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी नेता शरद पवार सहित तमाम दिग्गज नेताओं ने एकसाथ चुनाव लड़ने की बात कही है। अब विपक्ष की अगली मीटिंग हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होगी, जहां आगे की रणनीति तय की जाएगी। हालांकि विपक्षी दल एकुजट होकर चुनाव लड़ने पर तैयार जरूर हो गए हैं लेकिन उनकी बावजूद इसके उनकी राह बहुत मुश्किल है।
पटना में विपक्षी दलों का एकजुट होने महत्वपूर्ण माना जा रहा है लेकिन अगर इन दलों की सीटों पर नजर डालें तो पता चलता है कि नीतीश (Nitish Kumar) और राहुल (Rahul Gandhi) को बीजेपी को रोकने के लिए अभी बहुत मेहनत करनी होगी।
दरअसल पटना की मीटिंग में जो विपक्षी दल शामिल हुए उनमें से अगर कांग्रेस के सांसदों को हटा दें तो लोकसभा चुनाव में इनके सांसदों की संख्या 88 होती है जबकि जो विपक्षी दल इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए 2019 में परिणाम के अनुसार, उनके सांसदों की संख्या 60 है।
किस पार्टी के कितने सांसद?
बैठक में शामिल – डीएमके के 24, टीएमसी के 22, जदयू के 16, उद्धव गुट- 6, सपा-5, एनसीपी-5, नेशनल कॉन्फ्रेंस-3, सीपीएम-3, सीपीआई-2, जेएमएम-1, आप-1, राजद-0, पीडीपी-0, सीपीआई (एमएल)-0
पटना बैठक में शामिल न होने वाले दल – YSRCP- 22, BJD- 12, बीएसपी-10, टीआरएस-9, टीडीपी-3, SAD- 2, AIMIM-2
विपक्ष के आगे और भी बड़े चैलेंज
यह कहीं न कहीं दर्शाता है कि बड़ी संख्या में क्षेत्रीय पार्टियां बीजेपी विरोधी फ्रंट (Anti BJP Front) में शामिल होने से बचना चाहती हैं। इसके अलावा प्रतिद्वंदी क्षेत्रीय पार्टियों को भी एकसाथ लाना विपक्षी एकता के लम्बरदारों के लिए बड़ा चैलेंज होगा। पटना मीटिंग के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) का कांग्रेस को लेकर दिया गया बयान इसकी पुष्टि भी करता है। ऐसा हर राज्य में देखने को मिल सकता है।