कर्नाटक के गुलबर्गा उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा कांग्रेस विधायक कनीज़ फातिमा ने लिंगायत युवा नेता भाजपा के चंद्रकांत पाटिल को करीबी लड़ाई में हरा कर अपनी सीट को बरकरार रखा है। वह पार्टी द्वारा मैदान में उतारी गयी एकमात्र मुस्लिम महिला हैं, जिन्हें 2022 में हिजाब के समर्थन में सड़कों पर देखा गया था। 63 वर्षीय फातिमा ने 45.28% वोट शेयर के साथ 80,973 वोट हासिल किए हैं जबकि चंद्रकांत पाटिल को 78,261 वोट मिले हैं।

बहुत मुश्किल थी लड़ाई

कनीज़ फातिमा को चंद्रकांत पाटिल से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। यहां तक ​​कि इस सीट पर उनके सामने नौ मुस्लिम प्रत्याशी थे जिनमें जद (एस) के नासिर हुसैन भी शामिल थे।उन्हें 9.57% वोट शेयर के साथ 17,114 वोट मिले हैं।

हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ लड़ी थी लड़ाई

वह सार्वजनिक रूप से हिजाब पहनती हैं और 2022 में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा लगाए गए कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर गुलबर्गा में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भी करती हुई दिखाई दी थीं। उन्होने हिजाब मामले को लेकर बयान देते हुए कहा था, ““हिजाब पहनना हमारा अधिकार है। स्वतंत्र भारत में हमें अपनी स्वतंत्रता है। हम लोगों से उनके कपड़ों पर सवाल नहीं करते। लड़कियों को इस मुद्दे पर कॉलेजों में जाने से नहीं रोका जाना चाहिए”

एकजुट किया मुस्लिम वोट

कनीज़ फातिमा घर-घर जाकर और स्थानीय सब्जी बाजार जैसे स्थानों पर प्रचार करते हुए मतदाताओं से कहती थीं कि मुस्लिम वोटों को विभाजित नहीं होना चाहिए। मेरी कोशिश सभी को एक साथ लाने की है। उनके निर्वाचन क्षेत्र में कई स्थानीय कांग्रेस नेताओं का मानना है कि फातिमा अल्पसंख्यक समुदाय से मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। इस चुनाव में जहां कांग्रेस ने कुल 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, वहीं जद (एस) ने कुल मिलाकर 23 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया। आप ने कुल 17 मुस्लिम चेहरों को मैदान में उतारा था, लेकिन उनमें से कोई भी महिला उम्मीदवार नहीं थी। जबकि भाजपा ने एक भी मुस्लिम को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया।