सुरेंद्र सिंघल

11 फरवरी को होने वाले पहले चरण के मतदान में सहारनपुर मंडल के दो महत्त्वपूर्ण जिलों शामली और मुजफ्फरनगर की नौ सीटें भी शामिल हैं। यहां चुनाव प्रचार आज शाम बंद हो गया। यहां के नतीजों पर देशभर की निगाहें लगी हैं। जाटों का रुझान स्पष्ट होगा। 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में जाटों ने जिस ताकत से भाजपा का साथ दिया था और उस वजह से भाजपा पश्चिमी उप्र की सभी लोकसभा सीटें जीत गई थी।
चुनाव नतीजे मुजफ्फरनगर भाजपा सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान की हैसियत भी तय करेंगे। संजीव बालियान, क्षेत्रीय भाजपा अध्यक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह एमएलसी एवं बागपत सांसद सत्यपाल के कारण भाजपा नेतृत्व ने रालोद गठबंधन से परहेज किया और जाट वोट बंटने का बड़ा जोखिम लिया।
थानाभवन सीट पर भाजपा नेता सुरेश राणा का मुकाबला बसपा के अब्दुल वारिस और सपा के डा. सुधीर पंवार से है। मुकाबला इतना कांटे का है कि यह सीट सपा, भाजपा, बसपा में से कोई भी जीत सकती है।

कैराना सीट पर हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उछालने वाले भाजपा सांसद हुकम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को सपा के मौजूदा विधायक नाहिद हसन से कड़ी चुनौती मिल रही है। उपचुनाव में नाहिद से मामूली अंतर से हारे हुकम सिंह के भतीजे अनिल चौधरी रालोद से मैदान में हैं। बसपा के दिवाकर कश्यप मुकाबले को चौकोना बनाने में लगे हैं। शामली सीट पर मुख्य मुकाबला मौजूदा कांग्रेस विधायक पंकज मलिक, रालोद के विजेंद्र मलिक, भाजपा के जाट प्रत्याशी तेजेंद्र निर्वाल के बीच है। मुजफ्फरनगर शहरी सीट पर भाजपा के विधायक कपिल अग्रवाल और उपचुनाव में हारे सपा के वैश्य उम्मीदवार गौरव स्वरूप के बीच मुख्य मुकाबला है।

बसपा के राकेश शर्मा और रालोद की पायल माहेश्वरी की मौजूदगी भी नतीजे पर असर डाल सकती है। 2012 के चुनाव में सपा के गौरव स्वरूप के पिता चितरंजन स्वरूप जीते थे। चरथावल सीट पर बसपा के मौजूदा विधायक नूर सलीम राणा की टक्कर सपा के मुकेश चौधरी, भाजपा के विजय कश्यप और रालोद के सलमान जैदी से है। बुढाना सीट पर जाट वोट भाजपा के उमेश मलिक और रालोद प्रत्याशी पूर्व मंत्री योगराज के बीच बंट रहे हंै। मुसलिम वोट सपा के प्रमोद त्यागी और बसपा की सईदा राणा (पूर्व बसपा सांसद कादिर राणा की पत्नी) के बीच बंटने से चुनाव में रोमांच है।

मीरापुर सीट पर भाजपा ने हरियाणा के नेता और चार बार सांसद रहे अवतार सिंह भडाना को अंतिम समय में चुनाव मैदान में उतारा। पुरकाजी सुरक्षित सीट पर बसपा के दो बार के विधायक अनिल कुमार की कोशिशें जीत की हैट्रिक बनाने में लगी है। सपा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व मंत्री दीपक कुमार उन्हें कड़ी चुनौती दे रहे हैं। खतौली सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्य विक्रम सैनी, बसपा के शिवान सैनी, सपा के चंदन चौहान और रालोद के शाहनवाज राणा के बीच है। सपा प्रत्याशी युवा चंदन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पसंद है। वह प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री चौधरी नारायण सिंह के पौत्र और पूर्व सांसद संजय चौहान के पुत्र हैं। यहां चुनावी माहौल अभी भी धुंधला है।