उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत (Harish Rawat) पिछले विधानसभा चुनाव में मिली हार को भूलकर राज्य में पार्टी को सत्ता में वापस लाने की कोशिश में जुटे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर उनके सामने पहला काम संसाधन जुटाना होगा क्योंकि राजस्व कम हुआ है और अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं है। वहीं, इंडियन एक्सप्रेस के साथ बात करते हुए एक सवाल के जवाब में उन्होंने महाभारत का भी जिक्र किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत से पूछा गया कि उन्होंने संकेत दिए हैं कि यह उनके लिए आखिरी चुनाव हो सकता है। क्या वह राजनीति से रिटायर होने के बारे में सोच रहे हैं? इस पर रावत ने कहा, “यह सब राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। अगर हम 2024 में केंद्र में सत्ता में वापसी करते हैं, तो मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी। मैं निर्वाण के लिए निकल जाऊंगा।”
रावत ने कहा, “लेकिन हालात के मुताबिक, अगर मुझे लड़ना है, तो मैं इस लड़ाई को कैसे छोड़ सकता हूं? महाभारत में भीष्म पितामह सबसे बड़े थे लेकिन उन्होंने 10 दिनों तक युद्ध का नेतृत्व किया था और जो छोटे थे वे जल्द मारे गए।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आम आदमी पार्टी के पहली बार चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा, “मैं उन्हें अभी तक उत्तराखंड के राजनीतिक परिदृश्य में कहीं नहीं देखता हूं। अगर वे कोई भी सीट जीतते हैं तो यह संयोग ही होगा। पहले अरविंद केजरीवाल ऐसे व्यक्ति थे जो बदलाव के लिए खड़े थे और लोगों ने उनको मौका दिया।”
अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए हरीश रावत ने कहा, “अब वह उन राज्यों में जा रहे हैं जहां बीजेपी और कांग्रेस सीधी लड़ाई में हैं। ऐसा करके आप कांग्रेस की संभावनाओं को कमजोर करते हैं। फिर भी, मेरा मानना है कि अगर आम आदमी पार्टी पांच-सात साल उत्तराखंड में कड़ी मेहनत करती है, तो उन्हें कुछ पहचान मिल सकती है।”
नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट देने के सवाल पर रावत ने कहा, “पिछले पांच साल में भाजपा ने क्या किया, इस सवाल का उनके पास कोई जवाब नहीं है। उन्होंने केवल मुख्यमंत्रियों को बदलने का काम किया। राज्य में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार है। उन्होंने लोगों को कोविड महामारी के दौरान मरने के लिए छोड़ दिया।”