Bagpat Lok Sabha Election 2024 Date, Candidate Name: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटे तमाम राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान करना भी शुरू कर दिया है। BJP ने अपनी पहली लिस्ट में 195 कैंडीडेट्स के नामों का ऐलान किया है। कांग्रेस ने भी 39 प्रत्याशियों के नामों के साथ अपनी पहली लिस्ट और 43 नामों के साथ दूसरी लिस्ट निकाल दी है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 51 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। ऐसे ही उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से एक बागपत महत्वपूर्ण सीटों में से एक है। वर्तमान में इस सीट से भाजपा के सत्यपाल सिंह सांसद हैं।
पहली बार चौधरी परिवार के लोकसभा चुनाव से दूरी बनाने पर सुर्खियों में आई बागपत लोकसभा सीट का इतिहास रोचक रहा है। इस सीट से चौधरी परिवार का खास नाता है। इस सीट को चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि कहा जाता है। यहां एक बार को छोड़कर हर बार सांसद जाट जाति से ही बना। 1967 में वजूद में आई बागपत संसदीय सीट पर साल 2019 तक 14 बार चुनाव हुए हैं। बागपत से 1989 से 2009 तक सात बार स्वर्गीय अजित सिंह सांसद बने। बागपत सीट से पहली बार से 2019 तक संसद पहुंचने वालों में रामचंद्र विकल को छोड़ बाकी सभी जाट जाति से हैं। 57 साल में 14 बार हुए चुनावों में 13 बार जाट जाति का शख्स ही यहां विजयी हुआ है।
कभी जिताया, कभी हराया
बागपत सीट की एक विशेषता यह भी है कि लंबे समय तक यह किसी का साथ नहीं देती। चौधरी चरण सिंह के पुत्र और पौत्र को उसने यहां से जिताया तो हराकर भी दिखाया। 1957 और 1962 के चुनावों में यह क्षेत्र सरधना लोकसभा क्षेत्र में आता था। 1962 में कांग्रेस के कृष्ण चंद्र शर्मा जीते थे, जिन्होंने निर्दलीय रघुवीर सिंह शास्त्री को पराजित किया था। 1967 में निर्दलीय रघुवीर सिंह शास्त्री ने कांग्रेस के कृष्ण चंद्र शर्मा को पराजित किया। 1971 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के रामचंद्र विकल जीते। इमरजेंसी के बाद 1977 के चुनाव में चरण सिंह मुजफ्फरनगर की जगह बागपत सीट से चुनाव में उतरे। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के रामचंद्र विकाल पर 1.21 लाख वोटों से बड़ी जीत दर्ज की।
बागपत के चुनावी मैदान में किसके बीच है लड़ाई?
राष्ट्रीय लोक दल (RLD), जो अब एनडीए का हिस्सा है ने सोमवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए दो सीटों, बागपत और बिजनौर पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। रालोद ने वरिष्ठ नेता डॉ राजकुमार सांगवान को बागपत सीट से मैदान में उतारा है। आरएलडी के अलावा किसी भी पार्टी ने अभी इस सीट पर अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है।
लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम
पिछले चुनाव में बागपत लोकसभा सीट से भाजपा के सत्यपाल सिंह ने 5.25 लाख वोट पाकर जीत दर्ज की थी। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी यहां से 5.02 लाख वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। दोनों के बीच हार का अंतर 23, 502 वोटों का था।
बागपत का जातीय समीकरण
एक सामान्य सीट है जिसमें पूरा बागपत जिला शामिल है। गाजियाबाद और मेरठ का कुछ इलाका भी बागपत लोकसभा के दायरे में आता है। बागपत लोकसभा सीट पांच विधानसभाओं में बंटी है। बागपत लोकसभा सीट में बागपत जिले की छपरौली, बड़ौत और बागपत; गाजियाबाद की मोदी नगर विधानसभा और मेरठ की सिवलखास विधानसभा आती है। बड़ौत, बागपत और मोदीनगर विधानसभा पर बीजेपी का कब्जा है। सिवलखास और छपरौली विधानसभा सीटें RLD के पास हैं। यहां की प्रमुख जातियां जाट, यादव, गुर्जर, त्यागी और राजपूत हैं। दलितों के अलावा बड़ी संख्या में मुसलमान भी बागपत में बसते हैं।