उत्तर प्रदेश चुनावों के लिए प्रचार का दौर जारी है। रविवार को जहां सीएम अखिलेश यादव ने उन्‍नाव में रैली, वहीं राहुल गांधी उनके साथ कानपुर में संयुक्‍त रैली करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी की अलीगढ़ में रैली प्रस्‍तावित है। वहीं कैबिनेट मंत्री आजम खान ने रामपुर से प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया। उन्‍होंने मोदी की तुलना ‘रावण’ से कर डाली। आजम ने कहा, ”131 करोड़ हिंदुस्‍तानियों का बादशाह लखनऊ रामलीला मैदान में रावण जलाता है, पर भूल जाता है सबसे बड़ा रावण दिल्‍ली रहता है, लखनऊ नहीं।” आजम ने कहा कि ‘आप (नरेंद्र मोदी) सिर्फ हिंदुओं के प्रधानमंत्री नहीं हैं, मुस्लिमों, सिखों, ईसाइयों के भी पीएम हैं।’ आजम खान ने मोदी के कपड़ों पर भी सवाल किया। उन्‍होंने पूछा कि ‘एक चाय बेचने वाले के पास कहां से आए महंगे कपड़े आए?’ खान ने रैली में कहा कि ”मोदी जी ने दो साल में 80 करोड़ रुपये के कपड़े बनवाए हैं, इसका मतलब आने वाले 5 साल में 200 करोड़ के कपड़े बनवाए जाएंगे।”

आजम यही नहीं रुके, उन्‍होंने मोदी पर हमले जारी रखे। उन्‍होंने कहा, ”जब पीएम चाय बेचते थे और मजदूर के बेटे हैं तो इतने मंहगे कपड़े किसने दिए? यह जवाब मुझे ही नहीं देश को भी देना होगा।” उन्‍होंने कहा कि ‘देश के बादशाह कहते हैं कि मैं तो फकीर हूं झोला लेकर चला जाऊंगा, लेकिन हम कहते हैं कि वो झोला जिसमें अंबानी, अडानी और विजय माल्या हैं, वो झोला हम नहीं ले जाने देंगे।” उन्‍होंने जसोदा बेन के जरिए भी पीएम पर निशाना साधा। आजम ने कहा, ”जो पत्नी को उसका हक नहीं दे सका, मां को उसका दर्जा नहीं दे सका, वो बेटियों को क्‍या देगा।”

रामपुर में आयोजित चुनावी जमसभा को संबोधित करते हुए आजम ने कहा, “मुस्लिमों के बगैर उप्र में कोई बादशाह नहीं बन सकता और हमें गाली देकर हिंदुस्तान खुशहाल नहीं हो सकता।” आजम ने कहा कि अल्पसंख्यकों को अपनी ताकत का अंदाजा नहीं है। वे यूपी व पूरे देश की तस्वीर बदलकर रख सकते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि छात्रों, नौजवानों और किसानों के लिए भाजपा सरकार ने कुछ नहीं किया है, करने का इरादा भी नहीं लगता। उन्होंने कहा, “ताज्जुब इस बात की है कि जुमले वाले ये कैसे सोच लेते हैं कि उनकी बातों पर लोग भरोसा कर लेंगे। अपने भाषणों से आंधी की उम्मीद करने वाले औंधे मुंह गिरेंगे।”

आजम खान ने कहा कि ”चुपचाप देश के बादशाह पाकिस्तान चले गए और नवाज शरीफ की मां के लिए कश्मीरी शॉल लेकर गए। उनके लिए शॉल ले गए जो भारत की सीमा पर तैनात जवानों के सर काटकर ले गए थे। इतना कुछ होने के बाद भी बादशाह खामोश रहे। ये कैसा याराना है?”