उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार (6 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने पीएम भी कमाल के हैं। उन्होंने बिजली को भी हिंदू-मुसलमान के खांचे में बांट दिया। विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से पहले प्रचार के लिए यहां पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा, “पीएम ने आरोप लगाया कि हिंदुओं को कम और मुसलमानों को अधिक बिजली दी जा रही है। हमने आंकड़े के साथ उनके इस सवाल का जवाब भी दे दिया है। हमने तो उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि गंगा मइया की कसम खाकर बताएं कि वाराणसी को 24 घंटे बिजली मिल रही है कि नहीं।”

अखिलेश ने कहा, “कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री भी यहां वोट मांगने आए थे। उन्होंने जौनपुर को तीन वर्षो में क्या दिया है? इसलिए जौनपुर की जनता को पीएम को भी खाली हाथ ही यहां से भेजना होगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि बनारस में जिस दिन कांग्रेस और सपा का संयुक्त रोड शो हुआ, उसके बाद से ही पूरे बनारस ने गठबंधन के पक्ष में होने का फैसला कर लिया। अखिलेश ने कहा, “बनारस में पता कर लेना कि हवा का रुख क्या है? सपा-कांग्रेस रोड शो ने विरोधियों को परेशान कर दिया है।”

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तीन साल पहले भाजपा वालों ने अच्छे दिन के सपने दिखाए थे, लेकिन उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया। समाजवादियों की सरकार ने पांच वर्षो के भीतर ही सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा करने का काम किया है। मायावती पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि पत्थरों वाली सरकार से हमेशा सावधान रहना। वह भाजपा वालों के साथ गठबंधन भी कर लेती हैं।

‘यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बना रही बीजेपी, त्रिशंकु विधानसभा की अटकलें अफवाह’

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा की अटकलों को खारिज करते हुए दावा किया है कि पहली बार सपा और बसपा के पारंपरिक वोट भाजपा को मिल रहे हैं और वह स्पष्ट बहुमत के साथ उत्तरप्रदेश में सरकार बनाने जा रही है। भाजपा ने कहा कि सपा के साथ कांग्रेस के गठबंधन के कारण अल्पसंख्यक मतों का बिखराव हुआ है और त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनने का स्पष्ट रूप से भाजपा को लाभ मिल रहा है। भाजपा नेता जगदम्बिका पाल ने कहा कि भाजपा को हर वर्ग के लोगों का वोट मिल रहा है। जहां तक बात चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण की है, वहां भाजपा का मुकाबला कुछ सीटों पर सपा और कुछ पर बसपा से है। लखनऊ से बलिया और देवरिया, बनारस, गोरखपुर से आजमगढ़ इन क्षेत्रों में सपा काफी पिछड़ रही है और वह बसपा से भी पीछे चली गई है।