अमेरिका में 46वें राष्ट्रपति के लिए चुनाव हो रहे हैं। 3 नवंबर को फाइनल वोटिंग का दिन निर्धारित किया गया है हालांकि महीनेभर पहले से ही यहां मतदान हो रहे हैं। रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप और माइक पेंस दूसरे कार्यकाल के लिए मैदान में हैं तो वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर जो बिडन और कमला हैरिस चुनाव लड़ रही हैं। 1 नवंबर तक अमेरिका में 9.31 करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं। अनुमान के मुताबिक अमेरिका में 23.92 करोड़ लोग वोट डालते हैं। अमेरिका में चुनाव की प्रक्रिया भारत से पूरी तरह अलग है। आइए जानते हैं यहां चुनाव कैसे होता है…
इस तरह होती है वोटिंग
भारत में आप पोस्ट और डायरेक्ट वोट डाल सकते हैं। पोस्टल वोट के लिए भी सबको अनुमति नहीं होतीहै। वहीं अमेरिका में पोस्ट, ड्रॉप बॉक्स और डायरेक्ट वोटिंग की जा सकती है। ज्यादातर स्टेट्स और काउंटियों में मतदान से एक हफ्ते पहले ही केंद्र खुल जाते हैं जहां पहले ही वोट डाला जा सकता है। वॉशिंगटन, ऑरेगन, हवाई, यूटा और कोलोराडो में डाक और ड्रॉप बॉक्स के जरिए ही वोटिंग होती है। चुनाव के दिन से पहले जिन वोटों पर मोहर लगी होगी उनको वैलिड माना जाता है।
कौन लड़ सकता है चुनाव
अमेरिका में चुनाव लड़ने के लिए तीन मानक पूरे करने जरूरी हैं। पहला, अमेरिका का नैचुरल बॉर्न नागरिक होना चाहिए। कम से 35 साल उम्र होनी चाहिए। पिछले 14 साल से अमेरिका में ही रह रहा हो। यहां दो पार्टी सिस्टम है।
प्राइमरी और कॉकस
अमेरिका में पहली सीढ़ी प्राइमरी इलेक्शन होता है। इसका कोई लिखित निर्देश नहीं है लेकिन सभी राज्यों में चुनाव कराकर पार्टी अपने प्रबल दावेदार का पता लगाती है। इसमें लोग बताते हैं कि उनका पसंदीदा उम्मीदवार कौन है। कॉकस की प्रक्रिया उन जगहों पर होती है जहां पार्टी की अच्छी पकड़ होती है। कॉकस में पार्टी के ही लोग वोट करते हैं। प्राइमरी में बैलट के जरिए वोटिंग होती है।
नैशनल कन्वेंशन
प्राइमरी में चुनाव गए प्रतिनिधि कन्वेंशन में हिस्सा लेते हैं यही प्रतिनिधि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को चयन करते हैं. इसके बाद शुरू होता है चुनाव प्रचार। उम्मदवार टीवी और डायरेक्ट डिबेट के जरिए मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करते हैं। सबसे आखिरी में उम्मीदवार ‘स्विंग स्टेट्स’ के पीछे ताकत झोंकते हैं। ये ऐसे राज्य होते हैं जहां के मतदाता किसी के भी पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
इलेक्टोरल कॉलेज चुनता है राष्ट्रपति
मतदाता अपने-अपने इलेक्टर को चुनते हैं। इलेक्टर किसी न किसी पार्टी का समर्थक ही होता है। यूएस मे कुल 538 इलेक्टर चुने जाते हैं जो कि इलेक्टोरल कॉलेज बनाते हैं। इसके बाद आम जनता की प्रतिभागिता खत्म हो जाती है। अब इलेक्टर वोट देते हैं और राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। सरकार बनाने के लिए कम से कम 270 इलेक्टर्स की जरूरत होती है। 3 जनवरी को अमेरिका में संसद का नया सत्र शुरू होगा। 20 जनवरी को यहां नया राष्ट्रपति शपथ लेगा।