चुनाव के शुरू में ही 80 बनाम 20 की बात करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ को मुस्लिमों ने वोट नहीं दिया या फिर बहुत कम लोगों ने ही उन्हें समर्थन करने में रुचि दिखाई। हालांकि चुनाव के आखिर में वो यहां तक बोले कि वो मुसलमानों से प्यार करते हैं और वो भी उनसे बेहद लगाव रखते हैं। लेकिन इसके बाद भी योगी मुस्लिमों का समर्थन नहीं जुटा सके।
गोरखपुर से पांच बार सांसद रह चुके सीएम योगी ने इससे पहले कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। वो 2017 में सीएम बनने के बाद विधानपरिषद में चले गए। हालांकि इस दफा उनके अयोध्या से चुनाव लड़ने की अटकलें थी पर बाद में उन्हें गोरखपुर शहर से ही टिकट दिया गया। उन्हें 1 लाख 65 हजार 499 वोट मिले। योगी ने सपा की सुभावती शुक्ला को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया।
ये योगी का ही कमाल रहा कि उनके गढ़ में नौ विधानसभा सीटें हैं। बीजेपी ने यहां सभी सीटें जीतीं। आंकड़े देखकर जाहिर है कि योगी को हर जगह से वोट मिले। लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। मुस्लिम बाहुल्य इलाके चक्सा हुसैन के पांच बूथ ऐसे भी हैं जहां के मतदाताओं ने सीएम को लेकर विशेष उत्सुकता नहीं दिखाई। यहां सीएम को सबसे कम वोट मिले हैं। इतने कम कि संख्या बमुश्किल ही दहाई तक पहुंच सकी।
चक्सा हुसैन के बूथ नंबर 267 में योगी को महज 9 वोट मिल सके। यहां 1016 वोटर्स थे। बूथ नंबर 217 से उन्हें 15 वोट मिले। यहां 1166 मतदाता हैं। बूथ संख्या 264 में उन्हें 18 वोट मिले जबकि यहां पर 998 मतदाता हैं। बूथ नंबर 218 में उन्हें 25 वोट मिल सके। यहां 1144 मतदाता हैं। बूथ संख्या 219 में 30 वोट मिले। यहां पर कुल मतदाता 1127 थे।
योगी को जिन बूथों पर सबसे ज्यादा वोट मिले उनमें दाउदपुर प्रथम के बूथ नंबर 349 में 487, पुराना गोरखपुर के 252 नंबर में 470, बूथ संख्या 250 में 309, बूथ नंबर 281 में 478, बूथ संख्या 333 में 455 वोट मिले। एक रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी कीस महानगर इकाई की समीक्षा में यह बात सामने आई है।