उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव आखिरी चरण में है और वाराणसी, जौनपुर की 40 सीटों पर आठ मार्च को मतदान होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में डेरा डाले हुए हैं और यहां पर प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। लेकिन भाजपा के लिए बुरी खबर यह है कि आरएसएस प्रचारक टिकट वितरण से खुश नहीं है और वे लोकसभा चुनाव जितना उत्साह नहीं दिखा रहे हैं। वाराणसी और गोरखपुर क्षेत्र के कई प्रचारक प्रचार में ना के बराबर रूचि दिखा रहे हैं। इसके चलते सह कार्यवाह कृष्ण गोपाल को कई दौरे करने पड़े हैं ताकि आरएसएस कार्यकर्ताओं को भाजपा के पक्ष में प्रचार के लिए मनाया जा सके।
बताया जाता है कि बच्चों और रिश्तेदारों को टिकट देने, 70 साल के उम्मीदवारों को खड़ा करने और पार्टी के लिए लंबे समय से काम कर रहे कार्यकर्ताओं के बजाय बाहरियों को टिकट देने से आरएसएस नेताओं में नाराजगी है। टिकट वितरण से नाराज कुछ आरएसएस नेताओं की जगह लेने के लिए लखनऊ से एक पूर्व प्रचारक को वाराणसी बुलाया गया है। हालांकि वाराणसी में भाजपा विरोधी मतों के एकजुट होने की खबरें सामने आने के बाद आरएसएस की गतिविधियां बढ़ गई हैं।
आरएसएस काशी प्रांत के प्रचारक ने बताया, ”हमें साफ निर्देश है कि हम केवल लोगों से वोट डालने को कहेंगे। हम उन्हें यह नहीं कहेंगे कि वोट किसे डालना है। हमारे स्वयंसेवकों को साफ कहा गया है कि वोटिंग के दिन ही हम लोगों से भाजपा को वोट देने को कहेंगे।” बताया जाता है कि कृष्ण गोपाल ने अपनी मीटिंग में कार्यकर्ताओं से कहा, ”व्यक्ति हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है। केंद्र की सरकार उन मुद्दों पर काम कर रही है जिनके लिए हम अभी तक बोलते रहे हैं।” सूत्रों ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और गौरक्षा का उदाहरण भी दिया। कृष्ण गोपाल ने डिवीजन वाइज संयोजकों की बैठक की और शहर के सभी हिस्सों में बूथ लेवल मीटिंग भी हुई हैं।
वहीं वाराणसी में मौजूद भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री ने बताया, ”यह चुनाव अब लोगों के हाथों में पहुंच चुका है। सभी मोदी का नाम ले रहे हैं। आरएसएस के लोग कम काम करने के बावजूद भाजपा की जीत में क्रेडिट ले सकते हैं।” गोरखपुर के एक आरएसएस नेता इसी बीच एक अलग तरह की समस्या का जिक्र करते है। उन्होंने बताया, ”आजकल सबकुछ राजनीतिक हो गया है। जब हम स्वयंसेवकों से भाजपा के लिए काम करने को कहते हैं तो वे इसकी भाजपाइयों से तुलना करते हैं। कर्इ स्वयंसेवक अब राजनीतिक काम के लिए पैसों की उम्मीद रखते हैं।