समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के करहल विधानसभा से चुनाव लड़ने की वजह से मैनपुरी जिला एक बार फिर से चर्चा में है। करहल के अलावा भी मैनपुरी जिले में तीन विधानसभा सीटें मैनपुरी सदर, भोगांव और किशनी है। आइयें जानते हैं कि चारों विधानसभा सीटों का समीकरण क्या है?

सबसे पहले बात मैनपुरी सदर की करें। तो इस विधानसभा सीट पर सपा का दबदबा रहा है। हालांकि इस सीट पर बीजेपी के विधायक भी चुने गए हैं। साल 2002 और 2007 के चुनाव में बीजेपी के अशोक चौहान यहां से विधायक रहे। हालांकि 2012 और 2017 में यह सीट सपा के खाते में गई। पिछले दोनों विधानसभा चुनाव में यहां से सपा के राजकुमार यादव चुनाव जीते। इस बार भी सपा ने राजकुमार यादव पर ही भरोसा जताया है। वहीं भाजपा ने जयवीर सिंह, कांग्रेस ने विनीता शाक्य और बसपा ने गौरव नंद को टिकट दिया है। इस सीट पर सवा तीन लाख से अधिक मतदाता है जिसमें यादव, शाक्य और ठाकुर वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है। इसके अलावा ब्राह्मण, लोधी और मुस्लिम मतदाता भी अच्छी संख्या में हैं।

इसके बाद भोगांव सीट की बात करें तो यहां लोधी और शाक्य समुदाय ही निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। इसके अलावा इस सीट पर ठाकुर, यादव, ब्राह्मण और दलित वोटर भी अच्छी संख्या में हैं। पिछली बार इस सीट पर भाजपा के रामनरेश अग्निहोत्री ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने सपा के आलोक शाक्य को चुनाव हराया। इस बार चुनाव में भाजपा ने फिर से रामनरेश अग्निहोत्री और सपा ने आलोक शाक्य पर भरोसा जताया है। इसके अलावा बसपा ने अशोक कुमार और कांग्रेस ने ममता राजपूत को टिकट दिया है।

वहीं किशनी विधानसभा सीट के समीकरण को देखें तो यह जिले की एकमात्र सुरक्षित सीट है। इस सीट पर ठाकुर, यादव, शाक्य, ब्राह्मण और लोधी मतदाता अच्छी तादाद में हैं। यादव बहुल इस सीट पर 1991 से ही समाजवादी पार्टी का कब्ज़ा है। वर्तमान में सपा के ब्रजेश कठेरिया इस सीट से विधायक हैं। सपा ने इस बार के विधानसभा चुनाव में फिर से मौजूदा विधायक पर ही भरोसा जताया है। वहीं भाजपा ने प्रियरंजन आशु और बसपा ने प्रभुदयाल को टिकट दिया है।

इस बार की सबसे हॉट सीट मानी जा रही करहल विधानसभा सीट पर 1993 से ही समाजवादी पार्टी का कब्ज़ा है। सिर्फ 2002 में ही इस सीट से भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी। करहल विधानसभा सीट पर करीब 3 लाख 71 हजार मतदाता हैं। इनमें 1 लाख 44 हजार यादव, 34 हजार शाक्य, 25 हजार राजपूत, 33 हजार जाटव, 16 हजार पाल, 14 हजार ब्राह्मण, 14 हजार मुस्लिम और 10 हजार लोधी मतदाता हैं। यादव बहुल होने के कारण यह सपा का सबसे अभेद्य किला माना जाता है। करहल विधानसभा से अखिलेश यादव के सामने भाजपा के टिकट पर केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि बसपा ने कुलदीप नारायण को टिकट दिया है।