उत्तर प्रदेश में 3 मार्च को छठे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। छठे चरण में यूपी के 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान होगा। गोरखपुर जिले में भी 3 मार्च को ही मतदान होगा और गोरखपुर शहर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं सपा से सुभावती शुक्ला योगी आदित्यनाथ को चुनौती दे रही है।

कौन हैं सुभावती शुक्ला?: सुभावती शुक्ला राजनीति में तो नई हैं लेकिन इनके पति राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी रह चुके हैं। सुभावती शुक्ला बीजेपी नेता स्वर्गीय उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी हैं। उपेंद्र दत्त शुक्ला की मृत्यु मई 2020 में हो गई थी और उस समय वह बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष थे। उपेंद्र शुक्ला की पहचान गोरखपुर और आसपास के जिलों में ब्राह्मण नेता के तौर पर थी। 2018 के गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जनवरी महीने में सुभावती शुक्ला का परिवार बीजेपी छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया। सपा ने सुभावती शुक्ला को सीएम योगी के खिलाफ उम्मीदवार घोषित किया है।

42 साल तक बीजेपी की सेवा की: सुभावती शुक्ला ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि, “हमें बहुत पीड़ा है बीजेपी से और अभी भी पीड़ा है। हमारे बच्चों का क्या कसूर था कि 20 महीने तक किसी ने देखा भी नहीं, कि उनके बच्चे कैसे जी रहे हैं? हमारा बेटा 4 महीने पहले मरने से बचा है ,हम सब के दरवाजे पर गए कि कोई इलाज करा दे, लेकिन सबने अपना फाटक बंद कर लिया। हमारा लड़का योगी जी से मिला, उन्होंने भी कहा देखा जाएगा। गोरखपुर की जनता मेरी पीड़ा समझ रही है।”

हम गोरखपुर शहर से जीतेंगे: सुभावती शुक्ला ने आगे कहा कि, “हम यहां से चुनाव जीत के दिखाएंगे। उन्होंने (योगी आदित्यनाथ) जैसा मेरे साथ किया ,वैसे ही उनके साथ भी करेंगे। गोरखपुर की जनता अखिलेश यादव के साथ खड़ी है।”

बीजेपी ने वादों को पूरा नहीं किया: सपा प्रत्याशी सुभावती शुक्ला के बेटे अरविंद शुक्ला ने कहा कि, “बीजेपी ने 2017 के अपने वादों को पूरा नहीं किया। क्रम संख्या 1 से लेकर क्रम संख्या 122 तक जो वादे थे वह पूरे नहीं हुए हैं। इनकी कथनी और करनी में अंतर है। जो भी ये (बीजेपी के लोग) कहते हैं कि हम (बीजेपी) जो कहते हैं, वह करते हैं, यह सरासर झूठ की राजनीति है, छलावे की राजनीति है। कहा जाता है गोरखपुर में विकास की गंगा बही है। विकास की गंगा तो बही लेकिन केवल एक ही व्यक्ति के लिए बही।”