लखनऊ में मतदान से ठीक पहले भाजपा की प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। अखिलेश यादव ने मुलाकात की तस्वीर अपने सोशल मीडिया ट्विटर हैडल पर शेयर किया है। इस मुलाकात के कई तरह के अर्थ निकाले जा रहे हैं।

अभी हाल ही में यह चर्चा उठी थी कि रीता जोशी ने अपने बेटे के लिए लखनऊ कैंट से टिकट मांगा था, लेकिन काफी कोशिश के बाद भी उन्हें टिकट नहीं मिल सका था। इसको लेकर राजनीतिक मतभेद की भी बात कही जाने लगी थी। सांसद रीता जोशी ने यह बयान भी दिया था कि मयंक काफी समय से वहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।

रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से लगातार दो बार 2012 और 2017 में विधायक चुनी गईं। 2012 में वह कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनीं लेकिन 2017 में वो भाजपा में आ गईं और एक बार फिर लखनऊ कैंट से विधायक चुनी गईं।

बेटे को टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए रीता जोशी ने राजनीति से संन्यास तक लेने की घोषणा कर चुकी हैं। रीता बहुगुणा जोशी ने कहा था कि भाजपा ने उनके बेटे को टिकट नहीं देने का फैसला किया है और अब वे खुद भी चुनावी राजनीति से संन्यास ले रही हैं।

साथ ही उन्होंने कहा कि उनका लोकसभा का कार्यकाल 2024 में ख़त्म हो रहा है। इसके बाद वे भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उनका बेटा समझदार है और वो अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है।

दरअसल भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी लखनऊ कैंट विधानसभा से टिकट चाह रहे थे। पिछले दिनों भी उन्होंने अपने बेटे को टिकट दिए जाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा था कि उनका बेटा 12 साल से बीजेपी में काम कर रहा है। अगर उसने अपने काम को लेकर टिकट मांगा है, तो यह उसका अधिकार भी है। अगर पार्टी का नियम है कि एक परिवार से एक को ही टिकट, तो मैं सांसद के तौर पर अपना इस्तीफा देने को तैयार हूं।