एक दिन पहले, सोमवार को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 6 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी, जिसमें खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी को कल्याणपुर से टिकट दिया गया था। लेकिन मंगलवार को एक और लिस्ट जारी करते हुए कांग्रेस ने इस सीट से खुशी दुबे की मां की जगह, नेहा तिवारी को उम्मीदवार बना दिया। नेहा तिवारी बिकरू हत्याकांड के आरोपी अमर दुबे की विधवा खुशी दुबे (Khushi Dubey) की बहन हैं। ऐसे में चर्चा छिड़ गई कि आखिर कांग्रेस ने ऐन मौके पर टिकट क्यों बदल दिया।

दरअसल, कांग्रेस ने पहले खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी को कल्याणपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी, लेकिन गायत्री का नाम मतदाता सूची में नहीं था। इसी कारण कांग्रेस ने इस सीट से खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी को टिकट दिया है।

यूपी कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा गया, “खुशी दुबे को प्रताड़ित करने वाली अत्याचारी सरकार इस हद तक गिर गई कि खुशी की मां गायत्री तिवारी को टिकट देते ही उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब करवा दिया, जबकि वे वर्षों से वोटर थीं। अब उनकी जगह खुशी की बहन नेहा तिवारी चुनाव लड़ेंगी। महिला विरोधी भाजपा, महिला शक्ति को नहीं रोक पाएगी।”

नेहा तिवारी ने मंगलवार को कल्याणपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। इस सीट पर नेहा तिवारी का मुकाबला भाजपा की उम्मीदवार और यूपी सरकार की उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार से होगा। कल्‍याण सिंह की सरकार में मंत्री रहीं प्रेमलता कटियार की बेटी नीलिमा कटियार 2017 में इस सीट से पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनकर आईं थीं। मीडिया से बात करते हुए नेहा ने कहा कि कांग्रेस ने खुशी दुबे का मुद्दा उठाने में उनके साथ खड़े रहने और परिवार को उनकी जमानत दिलाने में मदद करने का वादा किया है।

बता दें कि जुलाई 2020 में कानपुर के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर दुबे और उसके साथियों ने हमला कर दिया था, जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। बाद में पुलिस ने विकास दुबे के सहयोगी अमर दुबे समेत अन्‍य आरोपियों को अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया था। वहीं, पुलिस ने बिकरू कांड कांड से कुछ दिनों पहले ही ब्याह कर लाई गई अमर दुबे की नाबालिग पत्नी खुशी दुबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।