उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार जारी है और आज दूसरे चरण के लिए वोट भी डाले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में इस बार पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल पर सबकी नजरें टिकी हुई है ,क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जो पार्टी इन दोनों क्षेत्रों में आगे रहेगी वही प्रदेश में सरकार बनाएगी। उत्तर प्रदेश में जब चुनाव होते हैं तो कुछ दागी उम्मीदवार भी मैदान में होते हैं जिन पर खूब चर्चा होती है।

ऐसे ही एक उम्मीदवार हैं जिनका नाम है अमनमणि त्रिपाठी जो बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अमनमणि त्रिपाठी नौतनवा सीट से निर्दलीय विधायक हैं और उनके ऊपर उनकी पत्नी की हत्या का आरोप भी है। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें 2 महिलाओं (सीमा सिंह और निधि शुक्ला) ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे अमनमणि त्रिपाठी को टिकट न दें। हालांकि बसपा ने अमनमणि त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है।

वायरल वीडियो पर अमनमणि त्रिपाठी ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी इन महिलाओं ने कहा था कि नौतनवा की जनता अमनमणि को वोट ना दें, लेकिन मैं 32 हजार से अधिक वोटों से जीता। कोरोना के दौरान मैंने 20 हजार बच्चों की फीस माफ की है, उसमें करीब 15000 परिवार हैं। 15 हजार परिवार अधिक है कि यह दो महिलाएं अधिक है? ये दोनों महिलाएं पैसा लेकर और साजिश के तहत मेरे बारे में दुष्प्रचार कर रही हैं।

अमनमणि ने आगे कहा कि लोकतंत्र है और जिसको भी प्रचार करना है कि अमनमणि को वोट ना दें वो जनता के बीच जाकर कर सकता है। अमनमणि ने कहा कि जनता यह देखती है कि धर्म ,जाति , संप्रदाय से उठ कर उनके विकास के बारे में कौन सोचता है, उनके दुख सुख में कौन खड़ा होता है? दो महिलाओं को पैसा देकर रुला लेने से वोट नहीं मिलता है।

बता दें कि अमन मणि त्रिपाठी 2017 के विधानसभा चुनाव में महाराजगंज जिले की नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2017 की बीजेपी लहर में भी जेल में बंद अमनमणि त्रिपाठी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 32 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीते थे।