उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने पांच और प्रत्याशियों के नाम घोषित किये हैं। जिसमें औरेया के दिबियापुर से प्रदीप कुमार यादव, कानपुर के बिठूर से मोनिद्रा शुक्ला, रसूलाबाद से कमलेश चंद्र दिवाकर, बदायूं से मोहम्मद रिजवान और फिरोजाबाद से सैफुर्रहमान को सपा ने टिकट दिया है।

इसके अलावा यूपी के ठाकुरद्वारे विधानसभा की सीट से भाजपा ने अजय प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि इस बीच कई नेताओं का दल बदलने का दौर भी जारी है। सोमवार को उत्तर प्रदेश के जलालपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक सुभाष राय ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा।

इसके अलावा भाजपा से भी सपा में शामिल होने की होड़ मची है। 24 जनवरी को फतेहाबाद से BJP विधायक जितेन्द्र वर्मा ने और भाजपा नेता और शाहजहांपुर की जलालाबाद सीट से प्रत्याशी रहे अनिल वर्मा भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए।

इसको लेकर सपा ने ट्वीट कर कहा कि BJP में निरंतर निषाद समाज का तिरस्कार जारी है। जिसके चलते वंचित वर्ग के नेता लगातार भाजपा छोड़ रहे हैं। बता दें कि जितेन्द्र वर्मा के सपा में शामिल होने के बाद उन्हें आगरा का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। सपा का कहना है, “पिछड़ों दलितों का इंकलाब होगा, 22 में बदलाव होगा।”

जहां एक तरफ सपा में भाजपा नेताओं के जाने की रेस दिख रही है तो वहीं दूसरी तरफ 24 जनवरी को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आज अखिलेश यादव को भाजपा चैलेंज करती है कि वो अपने उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित करें। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर अखिलेश यादव ने टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल पर रोक लगाने की मांग की है।

इसपर पात्रा ने कहा कि मैं लिखकर दे रहा हूं कि ओपिनियन पोल की तरह आगामी 10 मार्च की शाम को अखिलेश ईवीएम पर भी बरसेंगे। अखिलेश यादव के केवल गुंडई से मतलब है।