यूपी के उन्नाव सदर से कांग्रेस की उम्मीदवार और एक गैंगरेप पीड़िता की मां आशा सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने मायावती को एक पत्र लिखकर बसपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह की उम्मीदवारी खत्म करने की अपील की है। बता दें कि आशा सिंह का आरोप है कि देवेंद्र सिंह उनकी बेटी को प्रताड़ित करने वाले के करीबी हैं और उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे थे।
“मुझे डराने-धमकाने की कोशिश की”: उन्होंने कहा, “उन्नाव से बसपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह पर हत्या और रंगदारी के प्रयास समेत करीब एक दर्जन आपराधिक मामले हैं। वह कुलदीप सिंह सेंगर का करीबी भी है। सरकार की तरफ से प्राप्त सुरक्षा के जरिए उसने मुझे डराने-धमकाने की कोशिश की।”
मायावती को लिखा पत्र: आशा सिंह ने कहा कि मैंने मायावती को देवेंद्र सिंह की उम्मीदवारी रद्द करने के लिए पत्र लिखा है। वहीं आशा के गांव की रहने वाले सेंगर 2017 में नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार और 2018 में आशा सिंह के पति की हत्या के मामले में जेल की सजा काट रहे हैं। सेंगर घटना के समय उन्नाव जिले के बांगरमऊ निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक थे।
बता दें कि नियम तो यह है कि यौन उत्पीड़न की शिकायतकर्ता की पहचान उजागर करना कानून का उल्लंघन है लेकिन आशा सिंह के चुनाव लड़ने के फैसले के बाद मीडिया में इसकी जोरदार चर्चा है। ऐसे में इस तरह की गोपनीयता की व्यावहारिकता नहीं रही।
बता दें कि सोमवार को आशा की बेटी ने कहा कि उन्होंने सेंगर को बचाने की साजिश रची थी। वह हमारे रिश्तेदार होने का झूठा दावा करता है। हम मायावती से उनका नामांकन रद्द करने की अपील करते हैं क्योंकि उससे हमें खतरा है। हम चाहते हैं कि बसपा अध्यक्ष बिना किसी डर के प्रचार करने में हमारी मदद करें।”
पूर्व ब्लॉक प्रमुख और आशा के गांव निवासी बसपा उम्मीदवार देवेंद्र सिंह का इस आरोप पर कहना है कि मैं अपने लिए प्रचार कर रहा हूं और यह कहना गलत है कि मैं किसी को डरा-धमका रहा हूं। यह मामला राजनीति से प्रेरित हैं।