उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी ने कौशांबी जिले की चर्चित सिराथू विधानसभा सीट से अपने उम्मीदवार को बदल दिया है। दरअसल पहले इस सीट पर संतोष त्रिपाठी को बसपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था। वहीं अब उनका टिकट काटकर मुंसब उस्मानी को उम्मीदवार बनाया है।
बता दें कि सिराथू सीट यूपी की वीआईपी सीटों में से एक मानी जा रही है। इस सीट से भाजपा की तरफ से यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मैदान में हैं। ऐसे में अब उनके सामने बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारा है। बता दें कि यूपी में इस बार सात चरणों में मतदान होना है। वहीं सिराथू विधानसभा के लिए वोटिंग पांचवें चरण में होगी।
बता दें सिराथू सीट से अन्य दलों की बात करें तो समाजवादी पार्टी और अपना दल(कमेरवादी) के बीच गठबंधन की प्रत्याशी पल्लवी पटेल चुनाव लड़ रही हैं। वहीं कांग्रेस की तरफ से सीमा देवी मैदान में हैं। बता दें कि इस सीट को कभी बसपा का गढ़ माना जाता था। तब उस वक्त तक यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। लेकिन 2008 के बाद से यह सीट सामान्य हो गई और दस साल पहले 2012 में केशव प्रसाद मौर्य ने यहां पहली बार भाजपा का खाता खोला।
गौरतलब है कि सिराथू सीट को केशव प्रसाद मौर्य की पारंपरिक सीट कही जाती है। 2012 के बाद से इस सीट पर उनका ही दबदबा रहा है। लेकिन इस बार सपा ने पटेल और बसपा में मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर केशव प्रसाद मौर्य को उनके ही गढ़ में घेरने की कोशिश में है।
इस सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो सिराथू में 3 लाख 80 हजार 839 मतदाता हैं। जिसमें सामान्य जाति के 19 फीसदी मतदाता हैं। वहीं दलित 33 फीसदी, मुस्लिम 13 फीसदी और करीब 34 प्रतिशत पिछड़े वर्ग से वोटर हैं। ओबीसी में कुर्मी समाज के वोटर यहां निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस बार केशव प्रसाद मौर्य अपने विकास के कार्यों के दम जीत का दावा कर रहे हैं। वो खुद को सिराथू का बेटा बताते हैं।
इसके अलावा पल्लवी पटेल भी खुद को कुर्मी समाज की बेटी बताकर लोगों से भावनात्मक रिश्ता जोड़ने की कोशिश कर रही हैं। फिलहाल देखना ये होगा कि बसपा के मुंसबा उस्मानी किसका खेल खराब करते हैं, केशव प्रसाद मौर्य का या फिर पल्लवी पटेल का।
