कल यानी 10 मार्च को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। वहीं उससे पहले सामने आए एग्जिट पोल में तमाम एजेंसियां यूपी में भारतीय जनता पार्टी की वापसी बता रही हैं। ऐसे में टीवी न्यूज चैनलों पर एग्जिट पोल को लेकर बड़ी बहस देखी जा रही है। डिबेट में योगी सरकार और पूर्व की अखिलेश सरकार के कामों की तुलना भी की जा रही है।
बता दें कि डिबेट में शामिल एक राजनीतिक विश्लेषक डॉ सीपी राय ने विकास कार्यों के दमपर भाजपा की वापसी को लेकर कहा कि अखिलेश यादव ने भी विकास कार्य किये थे। उन्होंने एक्सप्रेस वे बनवाया लेकिन उसके किनारे की सारी सीटें वो हार गए।
दरअसल एंकर ने कहा कि अखिलेश सरकार में सबसे बड़ा सवाल कानून व्यवस्था को लेकर था। इस पर सीपी राय ने कहा कि उस समय बदायूं केस हुआ था जिसको भाजपा ने काफी बड़ा मुद्दा बना दिया था। लेकिन योगी सरकार में कानून व्यवस्था की बात करें तो हाथरस, उन्नाव से लेकर किसानों पर जीप चढ़ाने का मुद्दा सामने आया है।
इस पर एंकर ने कहा अगर आप कह रहे हैं एक्सप्रेस वे बनाने के बाद भी अगर अखिलेश यादव उस बेल्ट में हार जाते हैं तो फिर तो जनता के बीच मुद्दा ही कुछ और रहा होगा, विकास नहीं रहा होगा?
इसपर एक्सपर्ट ने कहा कि पिछली बार अखिलेश यादव इसलिए हारे क्योंकि उन्होंने अपने पिता को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। उनके खिलाफ जबरदस्त माहौल था लेकिन इस बार उन्हें 200 के ऊपर सीट मिलनी चाहिए। मेरा अनुमान है कि इस बार विपक्ष के गठबंधन को बहुमत मिलना चाहिए।
वहीं डिबेट में शामिल सी वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख ने कहा कि इस बार भाजपा में आत्मविश्वास की कमी रही। अगर ऐसा नहीं होता तो उन्हें हिंदू-मुसलमान करने की जरुरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास की कमी के चलते ही भाजपा ने इस बार कई विधायकों के टिकट नहीं काटे।
यशवंत देशमुख ने कहा कि अगर यूपी में भाजपा वापसी कर रही है तो उसका एक कारण है कि महिलाओं में सुरक्षा का भाव आना है। महिलाओं को जो राशन मिला, जो पैसा मिला उसका फायदा भाजपा को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा की सरकार यूपी में फिर से बनी तो उसमें पीएम मोदी की इमेज का काफी योगदान होगा।
बता दें कि एबीपी सी वोटर के एग्जिट पोल में भाजपा गठबंधन को 236, सपा गठबंधन को 140, बसपा को 17 और कांग्रेस को 6 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं अन्य को 4 सीटें मिल सकती हैं।
