यूपी में चुनाव की तारीख घोषित होते ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगते हुए दिख रहा है। कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक इमरान मसूद ने रविवार को घोषणा की है कि वो जल्द ही समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यूपी में लड़ाई बीजेपी और सपा के बीच है।

एआईसीसी सचिव इमरान मसूद ने कहा है कि उन्होंने अपने समर्थकों की एक मीटिंग बुलाई है, जिसमें वो अपने राजनीतिक भविष्य पर चर्चा और फैसला लेंगे। उन्होंने कहा- “मौजूदा राजनीतिक हालात बताते हैं कि यूपी में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी लड़ाई है..मैं कल अपने समर्थकों के साथ बैठक करूंगा और फिर अखिलेश जी से समय मांगूंगा।”

इमरान मसूद ने 2007 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय के रूप में लड़ा था और जीत हासिल की थी। जिसके बाद 2012 वो कांग्रेस में शामिल हो गए और चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े। हालांकि इस बार उन्हें हार नसीब हुई। इसके बाद 2013 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। अगले साल फिर से वह कांग्रेस में वापस आ गए और सहारनपुर से 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा। लेकिन वह दोनों चुनाव हार गए। जिसके बाद वो एक बार फिर से सपा में वापसी की कोशिशों में हैं।

मसूद के पास अपने इलाके में काफी सपोर्ट है। खासकर इलाके का मुस्लिम वोट वैंक मसूद का समर्थक रहा है। सहारनपुर में मुस्लिम आबादी 42 प्रतिशत है। इमरान मसूद पीएम के खिलाफ विवादित बयान भी दे चुके हैं, जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। वेस्ट यूपी में मसूद कांग्रेस के एक बड़े नेता माने जाते हैं।

बता दें कि इस बार यूपी में चुनाव की कमान खुद प्रियंका गांधी ने संभाल रखी है। प्रियंका, कांग्रेस का जनाधार बढ़ाने के लिए लगातार काम भी करती दिख रही हैं। यही कारण है कांग्रेस पिछली बार से ज्यादा जमीनी स्तर पर मजबूत दिख रही है, लेकिन चुनाव से कुछ दिन पहले इमरान मसूद का पार्टी से जाना कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता है। हालांकि अभी इस मामले पर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।