कुछ दिनों पहले तक योगी सरकार में मंत्री रहे और ओबीसी के कद्दावर नेता माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अब सपा के हो चुके हैं। पिछले चुनाव से पहले बसपा के साथ और मायावती के काफी करीबी माने जाते थे। अब मौर्य बीजेपी से होते हुए सपा में आ चुके हैं। शुक्रवार को जब वो अखिलेश की मौजूदगी में सपा में शामिल हो रहे थे, तब इस दौरान उन्होंने बीजेपी को मंच से बड़ी चेतावनी दे डाली।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि वो जिसका भी साथ छोड़ते हैं, उसका अता-पता नहीं रहता है। उदाहरण के लिए उन्होंने मायावती का नाम भी लिया। इस दौरान उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के 80 प्रतिशत बनाम 20 प्रतिशत के नारे का जवाब देते हुए, कहा कि अब लड़ाई 85 प्रतिशत बनाम 15 प्रतिशत हो गई है और भाजपा 8 से 10 प्रतिशत से कम वोटों के साथ रह जाएगी।
मौर्य ने सभा को संबोधित करते हुए कहा- “मैं ये भी चुनौती देता हूं, जिसका मैं साथ छोड़ता हूं, उसका कहीं अता-पता नहीं रहता है। हमारी बहन जी इसका जिंदा मिसाल हैं। जबतक साथ था, बार-बार मुख्यमंत्री बनती थीं। उनको घमंड हो गया था, बाबा अंबेडकर के मिशन से हट गईं, मान्यवर कांशीराम को भूल गईं, कांशीराम के सामाजिक आंदोलन को डूबोने का काम करने लग गईं, मान्यवर कांशीराम जी के आंख मूंदते हीं, उनका नारा बदल दिया था। जो मान्यवर कांशीराम जी ने नारा दिया था, जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी भागीदारी, बहन मायावती जी, कांशीराम के इस नारे को बदलकर दूसरा नारा ईजाद किया कि जिसकी जितनी तैयारी, उसकी उतनी भागीदारी, मतलब थैलीवालों के पीछे खड़ी हो गईं। मैंने विरोध किया नहीं मानीं, साथ छोड़ दिया, आज कहीं अता-पता दिखाई नहीं पड़ता उनका”।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि मकर संक्रांति वह दिन है जब भाजपा का ऐतिहासिक अंत होगा। हमारी मांगों पर कभी ध्यान नहीं देने वाले बीजेपी के बड़े नेताओं की अब रातों की नींद उड़ी हुई है। बीजेपी नेता पूछ रहे हैं कि हमने पिछले पांच साल में इस्तीफा क्यों नहीं दिया, कुछ कह रहे हैं कि मैंने अपने बेटे की वजह से बीजेपी छोड़ी।
मौर्य ने इन आरोपों पर कहा कि वो उन्हें बताना चाहता हैं कि बीजेपी ने देश के पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और युवाओं को ठगा है। भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम को भुनाकर सरकार बनाई। हममें से किसी को भी सीएम बनाने की बात हो रही थी, लेकिन वे गोरखपुर से किसी को लाकर दलितों और पिछड़ों को ठग रहे थे।