यूपी में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, दलबदल और आरोप-प्रत्यारोप का खेल तेज होता जा रहा है। मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य, अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा छोड़कर सपा में जाने का इशारा कर चुके हैं। तो वहीं सपा-कांग्रेस के भी एक-एक विधायक ने पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया है। इसके साथ ही मौर्य के साथ गए एक विधायक की बेटी ने अपने ही चाचा पर, अपहरण का आरोप लगा दिया है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को बुधवार को बड़ा झटका लगा है। सपा और कांग्रेस के एक-एक मौजूदा विधायक, भाजपा में शामिल हो गए हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा- “मोदी सरकार और योगी सरकार की लोककल्याणकारी नीतियों से प्रभावित होकर आज कांग्रेस विधायक श्री नरेश सैनी, सपा विधायक श्री हरिओम यादव एवं पूर्व सपा विधायक श्री धर्मपाल सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।”
नरेश सैनी सहारनपुर के बेहट से विधायक हैं। जबकि हरिओम यादव, फिरोजाबाद के सिरसागंज से विधायक हैं। वहीं कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर और राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद ने भी कांग्रेस छोड़ दिया है। दोनों बुधवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
वहीं दूसरी ओर स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ गए विधायक विनय शाक्य की बेटी ने अपने ही चाचा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके पिता का अपहरण कर लिया है। हालांकि विधायक के साथ-साथ पुलिस ने भी इन आरोपों को खारिज कर दिया है। विनय शाक्य यूपी के औरैया जिले के बिधूना से बीजेपी विधायक हैं। वह और उनके भाई, देवेश शाक्य, ओबीसी नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी हैं। देवेश शाक्य पर ही, भाई के अपहरण करने का आरोप विधायक की बेटी ने लगाया है।
जिसके बाद विनय शाक्य की अपनी मां के साथ एक फोटो भी आई। शाक्य इटावा स्थित अपने घर में बिस्तर पर पड़े दिख रहे हैं। विनय शाक्य तीन साल से बीमार हैं और मुश्किल से बोल पाते हैं। विधायक ने एक बयान में कहा है कि उनकी बेटी ने जो कुछ भी कहा है, उसमें सच्चाई नहीं है।
उनकी बेटी ने एक बयान में कहा था- “आप जानते हैं कि मेरे पिता को कुछ साल पहले लकवा मार गया था, जिसके बाद वह चलने में असमर्थ हैं। मेरे चाचा देवेश शाक्य ने इसका फायदा उठाया और उनके नाम पर निजी राजनीति करना शुरू कर दिया। आज, उन्होंने सारी हदें पार कर दी …मेरे पिता को जबरन हमारे घर से लिए और समाजवादी पार्टी में शामिल होने के लिए लखनऊ चले गए”।
इस दौरान उनकी बेटी ने सीएम योगी की जमकर तारीफ भी की। इसके बाद जब विवाद बढ़ा तो पुलिस की तरफ से भी एक बयान जारी किया, जिसमें पुलिस ने कहा कि अपहरण के आरोप झूठे हैं। आरोप पारिवारिक कलह से प्रेरित हैं।