उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ नेताओं के इधर से उधर जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार शाम को अपना दल (सोनेवाल) के विधायक चौधरी अमर सिंह ने पार्टी इस्तीफे का ऐलान करते हुए जल्द सपा जॉइन करने की घोषणा कर दी। चौधरी अमर सिंह ने ANI से बात करते हुए कहा, ‘मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है। मैं आज अखिलेश यादव से मिला, जल्द ही उनके साथ आ जाऊंगा। ये सरकार झूठी है, इसमें विकास का कोई काम नहीं हुआ। और भी नेता जल्द हमारे साथ आने वाले हैं।’
अपना दल (कृष्णा गुट) पहले से सपा के साथ चुनावी गठबंधन में हैं, ऐसे में अनुप्रिया पटेल के अपना दल (सोनेवाल) से टूट होना बीजेपी के लिए भी झटका है, क्योंकि अनुप्रिया पटेल इस समय बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं। उधर, गुरुवार शाम होते-होते योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य भी सुर्खियों में नजर आए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को अखिलेश यादव से मुलाकात की। स्वामी प्रसाद मौर्य ने ANI से बातचीत में कहा, ‘समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ आज आधिकारिक बैठक हुई, जिसमें मैंने अपने सहयोगियों के साथ उनकी मुलाकात कराई। आधिकारिक घोषणा शुक्रवार को कर दी जाएगी। हम बीजेपी को 45 सीटों तक समेट देंगे, 2017 से पहले उसकी हालत यही थी।’
इससे पहले योगी सरकार में मंत्री धर्म सिंह सैनी ने भी गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। वह आयुष मंत्री थे। राज्यपाल को सौंपे इस्तीफे में धर्म सिंह सैनी ने कहा है, ”जिन अपेक्षाओं के साथ दलितों, किसानों, पिछड़ों, शिक्षित बेरोजगारों, छोटे एवं मध्यम वर्ग के व्यापारियों ने मिलकर प्रचंड बहुमत की भाजपा सरकार बनाने का काम किया, उनकी और उनके जनप्रतिनिधियों के प्रति लगातार हो रही उपेक्षात्मक रवैये के कारण मैं उत्तर प्रदेश के कैबिनेट से इस्तीफा देता हूं।” हैरानी की बात यह है कि बुधवार को ही उन्होंने कई चैनलों को इंटरव्यू देते हुए कहा था कि उनकी आस्था बीजेपी के साथ है और वह कहीं नहीं जा रहे हैं।
धर्म सिंह सैनी से पहले योगी सरकार के मंत्री दारा सिंह चौहान भी इस्तीफा दे चुके हैं। इसके अलावा रोशनलाल वर्मा, भगवती सागर और बृजेश प्रजापति भी बीजेपी छोड़ चुके हैं। उधर, हापुड़ में कांग्रेस से 4 बार विधायक रहे गजराज सिंह भी गुरुवार को आरएलडी में शामिल हो गए। जयंत चौधरी ने खुद गजराज सिंह का पार्टी में स्वागत किया। लखीमपुर से भाजपा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने गुरुवार को इस्तीफा दिया और वह सपा दफ्तर पहुंच गए। यहां उन्होंने अखिलेश यादव के साथ मुलाकात की।