अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना करने के लिए चर्चित BJP के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा)में शामिल हो गए। सपा ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। सपा ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘सपा का बढ़ता कारवां, राष्ट्रीय अध्यक्ष (अखिलेश यादव) के नेतृत्व में आस्था जताते हुये बलिया के चिल्कहार विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह अपने साथियों के साथ सपा में शामिल। आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन।” सपा ने सिंह के पार्टी में शामिल होने की तस्वीर भी ट्वीट के साथ साझा की है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राम इकबाल सिंह चिल्कहार विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे।वहीं, वर्ष 2008 में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के बाद, चिल्कहार सीट का अस्तित्व समाप्त हो गया था। राम इकबाल अक्सर अपने बयानों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधते रहें हैं। उनके बयानों से यह अटकले पहले से लगायी जा रही थी वह जल्द ही सपा में शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने 14 अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर लखीमपुर खीरी हिंसा के पीछे होने का आरोप लगाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी। सिंह ने इससे पहले कहा था कि राज्य में नौकरशाह सरकार चला रहे हैं और उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा दूसरी कोविड लहर से निपटने के तरीके पर भी सवालिया निशान लगाया था।
उत्तर प्रदेश का सियासी तापमान इन दिनों बढ़ा हुआ है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर उनके और सपा नेताओं के फोन टैप कराने के आरोप लगाए हैं, अब इस मुद्दे पर उन्हें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का भी साथ मिलता दिख रहा है। यहां तक कि राहुल गांधी भी अप्रत्यक्ष तौर पर इस मामले को लेकर बीजेपी का घेराव कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने रविवार को दावा किया कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी संलिप्तता है। लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सपा प्रमुख ने कहा- “सरकार हमारे पार्टी कार्यालय के सभी फोन टैप कर रही है। सभी समाजवादी नेताओं के फोन को भी टैप किया जा रहा है। मुख्यमंत्री खुद शाम को उन रिकॉर्डिंग को सुनते हैं।
अखिलेश यादव ने फोन टैपिंग के साथ- साथ इनकम टैक्स के छापों को लेकर भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा नेताओं और उनके करीबियों के यहां इनकम टैक्स के छापे, बीजेपी हार के डर से करवा रही है। अभी तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आया है, आगे सीबीआई और ईडी भी आ सकती है।