यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे। इसके पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि ईवीएम में धांधली करने के चलते एग्जिट पोल के जरिए एक परसेप्शन बनाने का काम किया गया है। ईवीएम पर खड़े होते सवाल पर टीवी डिबेट में भी राजनीतिक दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर देखने को मिल रहा है।
आजतक न्यूज चैनल पर हो रही एक डिबेट में भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि जब कहीं पराजय होती है तो विपक्षी दल ईवीएम की गलती बताते हैं। इस तरह का मामला सर्वोच्च न्यायालय तक गया लेकिन वहां भी इसका निस्तारण किया गया कि ईवीएम में किसी प्रकार की गड़बड़ी का प्रमाण नहीं है। अधिकारियों के दुरुपयोग के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की परंपरा रही होगी। भाजपा स्वच्छ प्रशासन में विश्वास रखती है।
इसपर जवाब देते हुए कांग्रेसी नेता संजय निरुपम ने कहा, “भाजपा राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम हैक करके दिखाया था। यह विवादास्पद विषय है। देश ने ईवीएम को स्वीकार कर लिया है। लेकिन ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है, यह बात नकारना बुनियादी तौर पर सच को नकारने जैसा है।”
बता दें कि जैसे-जैसे नतीजों की घड़ी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे ईवीएम को लेकर तमाम तरह के बयान राजनीतिक दलों से सामने आ रहे हैं। वहीं EVM से छेड़छाड़ के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा, “EVM विलाप मंडली का हार से पहले हाहाकार शुरू हो गया है। कभी इन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए, कभी अधिकारियों पर सवाल खड़े किए। उनको कभी इस बात का अहसास ही नहीं हुआ कि जनता उनके साथ क्या करने वाली है।”
इसके अलावा EVM से छेड़छाड़ के आरोपों पर यूपी सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, “विपक्ष के आरोप बेबुनियाद हैं। कल EVM खुलेंगी, विपक्ष ने अपनी पराजय पहले ही स्वीकार कर ली है। 2017 में ही जनता ने उन्हें खारिज़ कर दिया था। कुछ परिवारों तक, जाति विशेष के कुछ लोगों तक अखिलेश की सरकार सीमित थी।”