यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर किए गए एबीपी-सी वोटर सर्वे पर बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के नेता सतीश चंद्र मिश्र ने बड़ा बयान दिया है। एक चैनल के चुनावी कार्यक्रम के दौरान एबीपी-सी वोटर सर्वे में बीएसपी को बेहद पिछड़ा हुआ बताए जाने पर मायावती के सबसे करीबी सतीश चंद्र मिश्र ने कहा, ‘सी वोटर हो चाहे कोई और हो… हम लोग इस तरह के सर्वे के बारे में इसलिए कमेंट नहीं कर सकते हैं, क्‍योंकि इस तरह की जो सर्वे एजेंसीज है, वो सर्वे एजेंसी किससे मिलती हैं, कहां मिलती, कितने वोटरों से मिलती हैं? हम हर जिले में जा रहे हैं, हम मिल रहे हैं पचासों 50 हजार लोगों से, हर दिन। अब ये कौन से लोगों से मिलकर सर्वे निकालते हैं, ये तो वही बता सकते हैं। ‘

हमारी रैलियों लाखों लोग आ पर उन्‍हें दिखाया नहीं जा रहा

सतीश चंद्र मिश्र ने कहा, ‘हम लोगों के पास भी इस तरह की बहुत सी सर्वे एजेंसीज ने कॉन्‍टेक्‍ट किया था। आप लोग हमसे बात कर लीजिए, हम आपका ये दिखा देंगे, वो दिखा देंगे, हम असलियत दिखा देंगे। हमने कहा असलियत दिखाने के लिए भी हमको किसी एजेंसी को पकड़ना पड़ेगा तो बेकार है हमारे लिए। लेकिन आप जमीनी स्‍तर पर आपको दिखता है कि खाली अगर कोई गाड़ी से घूम रहा है, वो लोग 500 लोगों के साथ घूम रहा है, वो नजर आ रहे हैं और जो लाखों इकट्टा हो रहे हैं वो नहीं दिख रहे हैं। हमने ये जरूर किया कि जो तस्‍वीरें हैं वो हमने डाल दीं और यू-ट्यूब पर भी डाल दिया।’

एबीपी-सी वोटर सर्वे में बीएसपी एकदम पीछे

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर एबीपी न्‍यूज और सी वोटर ने जो सर्वे किया है वह 23 दिसंबर से 29 दिसंबर 2021 के बीच का है। सर्वे एजेंसी ने इसमें प्रदेश के 12 हजार 129 लोगों के साथ बात की है। एजेंसी का दावा है कि इसमें मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस तीन से प्लस माइनस 5% का है। इस सर्वे के नतीजों के अनुसार, अगर आज चुनाव होते हैं तो बीजेपी को 41 प्रतिशत, सपा को 33 प्रतिशत, बसपा को 12 प्रतिशत, कांग्रेस को 8 प्रतिशत और अन्‍य 6 प्रतिशत वोट शेयर मिलता दिख रहा है।

2017 विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारी थी बसपा

यूपी चुनाव 2017 में राज्‍य की कुल 403 सीटों में बसपा को केवल 19 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी। पार्टी के सामने इस समय अस्तित्‍व बचाने का संकट पैदा हो गया। कई बड़े नेता बीते पांच साल में पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। यहां तक कि बसपा सुप्रीमो मायावती को पिछले 5 साल में 4 बार प्रदेश अध्यक्ष तक को बदलना पड़ा। बसपा ने 2018 में राम अचल राजभर को हटाकर आरएस कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। उनके बाद 2019 में मुनकाद अली प्रदेश अध्‍यक्ष बने और अब भीम राजभर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

2007 में 30 प्रतिशत था वोट शेयर, 2017 में तेजी से गिरा ग्राफ

2007 विधानसभा चुनाव में बसपा यूपी की सत्‍ता पर काबिज हुई थी। तब से लगातार पार्टी की स्थिति खराब होती जा रही है। बसपा ने 2007 में 30.43 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 206 सीटें हासिल की थी। इसके साथ 2012 में बसपा को 25.95 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 80 प्राप्‍त हुईं, लेकिन 2017 में उसे सबसे बड़ा झटका लगा। पार्टी का वोट शेयर करीब 8 प्रतिशत गिरा और सीटें तो बहुत ही कम हो गईं। बसपा 2017 में केवल 19 सीटें ही जीत पाई।