गांधी परिवार के गढ़ अमेठी में पांच विधानसभा सीटें हैं, जिसमें अमेठी और गौरीगंज सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा मानी जाती है, लेकिन अमेठी विधानसभा में अबतक कांग्रेस और भाजपा की ओर से उम्मीदवारों के नाम का एलान नहीं हुआ है, जबकि गौरीगंज विधानसभा में साले और बहनोई आमने-सामने हैं। कांग्रेस उम्मीदवार फतेह बहादुर के सगे साले नफीस जनसत्ता दल के उम्मीदवार बने हैं। इसके बाद सपा राकेश सिंह, बसपा राम-लखन शुक्ल और भाजपा से चंद्र प्रकाश मिश्र चुनावी मैदान में हैं।
इसमें सपा के मौजूदा विधायक राकेश सिंह तीसरी बार किस्मत आजमाएंगे, जबकि भाजपा के चंद प्रकाश मिश्र एक बार बसपा से विधायक रह चुके हैं। इस बार भाजपा से उम्मीदवार बनाए गए हैं। इनके समर्थन में भाजपा मजबूती से खड़ी हैं। बाकी अमेठी और रायबरेली की चुनावी कमान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पास है। कांग्रेस उम्मीदवार फतेह बहादुर के पिता स्व नूर मोहम्मद एक बार यहां से विधायक चुने गए थे, लेकिन आकस्मिक निधन के कारण कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे। इसके बाद उप चुनाव में कांग्रेस नूर मोहम्मद के बेटे फतेह बहादुर को टिकट दिया था पर वे चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में कांग्रेस 19 साल बाद फिर फतेह बहादुर को टिकट दिया है। इनके चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी स्वयं आने वाले हैं।
बसपा के राम लखन शुक्ल और जनसत्ता दल के नफीस दोनों पहली बार विधानसभा के चुनाव में उतरे हैं। जनसत्ता दल के समर्थन में कुंडा के राजा रघुराज प्रताप सिंह और जामो के राजा कुंवर अक्षय प्रताप सिंह और रानी मधुरिमा सिंह घर- घर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। गौरीगंज विधानसभा में 1952 से लेकर अब तक 18 विधायक बन चुके हैं। इसमें एक महिला 17 पुरुष हैं। बाकी 16 राजपूत, एक ब्राह्मण और एक मुस्लिम समाज के थे।
भाजपा से अकेले तेजभान सिंह 4 बार विधायक चुने गए थे, जबकि कांग्रेस से राजपति सिंह 5 बार, गुरु प्रसाद सिंह दो बार, नूर मोहम्मद कांग्रेस, जंग बहादुर सिंह बसपा और चंद्र प्रकाश मिश्र बसपा से विधायक बने थे। सपा से दो बार अकेले राकेश सिंह विधायक बने हैं। गिरिराज सिंह और रुद्र प्रताप सिंह दोनों निर्दलीय विधायक चुने गए थे। रुद्र प्रताप सिंह, गिरिराज सिंह, जंग बहादुर सिंह, चंद्र प्रकाश मिश्र और नूर मोहम्मद एक – एक बार विधायक बने हैं, जबकि गुरु प्रसाद सिंह, राकेश सिंह दो – दो बार,राजपति 5 बार और तेजभान सिंह 4 बार विधायक बने हैं।
गुरु प्रसाद सिंह 1952 का पहला और 1957 का दोनों चुनाव कांग्रेस से जीते थे। रुद्र प्रताप सिंह 1962 में और गिरिराज सिंह 1967 में दोनों कांग्रेस को हराकर चुनाव निशान साइकिल पर निर्दलीय विधानसभा पहुंचे थे। गौरीगंज विधानसभा की पहली महिला राजपती सिंह 1969,1974,1980,1985 और 1989 में 5 बार कांग्रेस से विधायक चुनी गई थी। तेजभान सिंह 1977,1991,1993 और 1996 में चार बार भाजपा से विधायक बने थे।
नूर मोहम्मद 2002 में कांग्रेस से गौरीगंज के पहले मुस्लिम विधायक चुने गए थे, लेकिन बीच में आकस्मिक निधन के बाद उप चुनाव में बसपा के जंग बहादुर सिंह जीते थे। चंद्र प्रकाश मिश्र 2007 में बसपा से पहले ब्राह्मण विधायक चुने गए थे। राकेश सिंह 2012 और 2017 में साइकिल पर सवार होकर विधायक बन चुके हैं। अमेठी लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें हैं। इसमें सलोन, जगदीशपुर, तिलोई और अमेठी में भाजपा के विधायक जीते थे। लेकिन गौरीगंज में दो बार से सपा का कब्जा था। संघ के ज्ञान सिंह ने कहा कि भाजपा का चुनाव मोदी और योगी के नाम पर होना है, जिससे चंद प्रकाश मिश्र सबसे ज्यादा मजबूत हैं। अमरेंद्र सिंह पिंटू ने कहा कि सपा की लहर में राकेश सिंह तीसरी बार विधायक चुने जाएंगे।