अगामी यूपी विधानसभा चुनाव में वापसी की कोशिशों में लगी बीजेपी अब ब्राह्मणों का वोट पाने के लिए अभियान चलाने की तैयारी कर रही है। हालांकि इस अभियान से राज्य के इकलौते ब्राह्मण समाज से आने वाले केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को दूर ही रखा जा रहा है। अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य आरोपी हैं और जेल में हैं।
बताया जा रहा है कि यूपी में अपने कैडर से फीडबैक लेने के बाद, भाजपा ने ब्राह्मण समुदाय को लुभाने के उद्देश्य से कार्यक्रम तैयार करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि जमीनी कैडर ने अपने फीडबैक में कहा था कि विपक्षी दल यह संदेश देने में एक हद तक सफल रहे हैं कि यूपी में ब्राह्मणों को योगी सरकार में उचित सम्मान और प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण, आबादी का लगभग 13 प्रतिशत हैं। इस लिहाज से यह एक मुश्त बड़ा वोट बैंक है। इसलिए बीजेपी अब इन्हें अपने पाले में करने की कोशिशों में लग गई है। इस समिति में राज्यसभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, भाजपा युवा विंग के नेता अभिजीत मिश्रा और गुजरात के लोकसभा सांसद राम भाई मोकारिया शामिल है। इस समिति का गठन यूपी चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ एक मीटिंग के बाद किया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शिव प्रताप शुक्ला ने कहा- “हम विपक्षी दलों द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेंगे। भाजपा और यूपी सरकार ने ब्राह्मणों के लिए जो काम किया है, उसे बताने के लिए आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।”
सोमवार को समिति के सदस्यों और यूपी सरकार के मंत्रियों सहित अन्य ब्राह्मण नेताओं – श्रीकांत शर्मा, ब्रजेश पाठक, सतीश चंद्र द्विवेदी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। बैठक में मौजूद एक भाजपा नेता के मुताबिक, पार्टी राज्य भर में 100 से 150 ब्राह्मणों की छोटी-छोटी बैठकें करेगी।
इन दोनों ही बैठकों में गौर करने वाली बात ये है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और यूपी में पार्टी के ब्राह्मण चेहरा अजय मिश्रा टेनी, प्रधान के साथ तो मीटिंग में थे, लेकिन नड्डा वाली मीटिंग में वो मौजूद नहीं थे। भाजपा पर आरोप लगते रहा है कि लखीमपुर खीरी कांड में टेनी पर कार्रवाई सिर्फ इसलिए नहीं हो रही है, क्योंकि वो ब्राह्मण वर्ग को नाराज नहीं करना चाहती है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने अजय मिश्रा टेनी को इस आउटरीच वाले कार्यक्रम से दूर रखा है। उन्हें इस कार्यक्रम के तहत कोई काम नहीं सौंपा गया है।
उधर विपक्ष सीएम योगी पर ठाकुरवाद आरोप लगाता रहा है। सपा-बसपा-कांग्रेस तीनों का कहना है कि प्रदेश में ब्राह्मण समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। योगी सरकार के खिलाफ ब्राह्मण समुदाय की उपेक्षा करने का विपक्ष का आरोप लगभग दो साल पहले तब तेज होने लगा, जब बसपा प्रमुख मायावती ने घोषणा की थी, कि अगर 2022 में वो सत्ता में आती है, तो उनकी सरकार परशुराम की एक भव्य प्रतिमा स्थापित करेगी। इसके तुरंत बाद एसपी ने भी इसी तरह की घोषणा की थी। इसके साथ ही कई आपराधिक घटनाओं को लेकर भी विपक्ष ने सरकार पर ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है।