उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहारनपुर के देवबंद में डोर टू डोर प्रचार कर रहे थे। हालांकि कुछ मिनट बाद ही उन्हें अपने डोर टू डोर कैंपेन को रोकना पड़ा क्योंकि भीड़ काफी बढ़ गई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने देवबंद के एमबीडी क्रॉसिंग से अपने डोर टू डोर कैंपेन की शुरुआत की थी लेकिन 10 मिनट बाद ही इस अभियान को उन्होंने रोक दिया। यह अभियान करीब 30 मिनट तक चलने वाला था।

बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने सहारनपुर के देवबंद में डोर टू डोर कैंपेन करने से पहले मुजफ्फरनगर में डोर टू डोर कैंपेन किया। करीब आधे घंटे तक उन्होंने डोर टू डोर कैंपेन कर बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे। बाद में भीड़ अधिक होने की वजह से उन्हें प्रचार बंद करना पड़ा था।

इसके बाद सहारनपुर की आईआईएमटी कॉलेज में अमित शाह ने कहा कि कोरोना के कारण चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का पालन हमें करना है। भारी संख्या में लोगों के पहुंचने की वजह से मुझे देवबंद और मुजफ्फरनगर में कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। जिन लोगों को भी डोर टू डोर कैंपेन में मेरा इंतजार था मैं उन सभी से खेद जताता हूं।

बता दें कि इसके पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कैराना और मथुरा में भी डोर टू डोर कैंपेन किया था और बीजेपी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे थे। हालांकि उस वक्त भी भीड़ काफी अधिक थी जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने अमित शाह और चुनाव आयोग को निशाने पर लिया था। सोशल मीडिया पर आम लोगों ने भी गृहमंत्री शाह की आलोचना की थी।

पर्चा बांटने वाला विडियो हुआ था वायरल: इसके पहले मथुरा में चुनाव प्रचार के वक्त अमित शाह का पर्चा बांटने वाला वीडियो वायरल हुआ था। दरअसल अमित शाह पर्चा बांटते समय अपनी लार का इस्तेमाल कर रहे थे जिसके बाद विपक्षी नेताओं ने उनकी तीखी आलोचना की थी। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने ट्वीट कर विडियो शेयर किया और लिखा था कि, थूक लगाकर कोरोना बाँटते गृहमंत्री।

चुनाव आयोग विपक्षी नेताओं पर कर चुका है कार्यवाही: बता दें कि इसके पहले 14 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्या की समाजवादी पार्टी में जॉइनिंग के वक्त समाजवादी पार्टी के लखनऊ कार्यालय पर भारी भीड़ इकट्ठा हुई थी। इसके बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर कार्यवाही भी की गई थी। इसमें SHO को सस्पेंड कर दिया गया था, जबकि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के ऊपर एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर नोएडा पुलिस ने कोरोना महामारी एक्ट में केस दर्ज किया था। वहीं शनिवार को अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्यादा भीड़ एकत्रित होने की वजह से प्रेस कॉन्फ्रेंस के आयोजक सपा नेता राहुल चौधरी व अन्य लोगों पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था।