Tripura Election Result : त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ भाजपा राज्य में एक बार फिर सरकार बना रही है। भाजपा ने इस चुनाव में 32 सीटें हासिल की हैं। लेकिन भाजपा के इन नए विधायकों की लिस्ट से उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा का नाम गायब है। वह पिछली सरकार में प्रमुख मंत्रियों में से एक थे। उनके पास पिछली सरकार में वित्त, बिजली और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे।

लेकिन उनके इस सियासी सफर का अंजाम फीका दिखाई दिया। वह चारिलम विधानसभा क्षेत्र में टिपरा मोथा प्रतिद्वंद्वी सुबोध देब बर्मा से 858 मतों से हार गए। यह पांच साल पहले की तुलना में एक आश्चर्यजनक उलटफेर था।

पिछली बार उन्होंने 89.33 प्रतिशत वोट के साथ एसटी-आरक्षित सीट को चुनाव के सबसे बड़े अंतर से जीता था। उन्हें 26,580 वोट हासिल हुए थे। टिपरा मोथा के मुखिया प्रद्योत देबबर्मा उनके भतीजे हैं।

क्या बोले जिष्णु देव वर्मा ?

अपनी हार के बाद जिष्णु देव वर्मा ने अपनी पार्टी और सहयोगी आईपीएफटी को बधाई दी लेकिन अपनी हार पर कोई टिप्पणी नहीं की।

उन्होंने कहा, ‘शानदार जीत हासिल करने वाले सभी बीजेपी और आईपीएफटी उम्मीदवारों को मेरी शुभकामनाएं और बधाई। श्री मोदीजी के आशीर्वाद से एक बार फिर डबल इंजन सरकार बनने जा रही है”

टिपरा मोथा को लेकर क्या कहा था ?

त्रिपुरा चुनाव से पहले जब जिष्णु देव वर्मा से उनके भतीजे के संगठन के बारे में पूछा गया था तब भाजपा नेता ने कहा था कि उनकी कुछ युवाओं में अपील है। और वह कुछ मांगों तक सीमित हैं। उनका कहने का आशय था कि टिपरा मोथा चुनाव में बड़े लेवल पर प्रभाव नहीं दाल पाएगी। लेकिन टिपरा मोथा को लेकर उनका आंकलन ठीक साबित नहीं हुआ और टिपरा मोथा ने इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया। यहां तक की जिष्णु देव वर्मा खुद अपना चुनाव हार गए।

त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले देव वर्मा लंबे समय से बीजेपी के वफादार रहे हैं। वह करीब पांच दशक पहले राजनीति में आए थे। 1989 और 1993 के बीच वह उत्तर-पूर्वी परिषद सलाहकार समिति के सदस्य थे और कला और सांस्कृतिक विरासत के लिए भारतीय राष्ट्रीय परिषद के संयोजक भी थे।