Telangana Assembly Election Result 2018 Updates: तेलंगाना में टीआरएस प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में पार्टी को 88 सीटों पर जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस के हिस्से में 19 और बीजेपी के खाते में एक सीट गई है। तेलंगाना में कांग्रेस और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। टीडीपी को दो सीटों पर जीत मिली है। हालांकि, इसका उसे कोई खास फायदा नहीं हुआ। गजवेल विधानसभा सीट से टीआरएस चीफ के.चंद्रशेखर राव चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने 50 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की।
आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2014 में हुए थे। विभाजन के बाद तेलंगाना के हिस्से में 119 सीटें आईं थीं। तेलंगाना में 21 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही। एग्जिट पोल में भी टीआरएस को स्पष्ट बहुमत मिलने की बात कही गई थी। वहीं टीआरएस को मिली जीत पर कांग्रेस ने ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका जाहिर की है। हालांकि टीआरएस ने इन आरोपों को गलत बताकर खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर लिखित शिकायत दर्ज करायी है।
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टीआरएस प्रमुख केसीआर जीत का जश्न मनाने पार्टी कार्यालय पहुंचे हैं। इस दौरान पार्टी कार्यालय में उनका जोरदार स्वागत किया गया। बता दें कि टीआरएस 77 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
तेलंगाना की गोशमहल सीट से भाजपा नेता टी राजा सिंह 16 हजार मतों के अंतर से जीत गए हैं।
टीआरएस उम्मीदवार और पूर्व विधानसभा स्पीकर मधुसूदन चैरी भूपालापल्ली से चुनाव हार गए हैं।
तेलंगाना के जो रुझान आ रहे हैं उनसे साफ हो गया है कि यहां सरकार तेलंगाना राष्ट्र समिति की बनेगी। पार्टी बहुत के साथ यहां अपनी सरकार बनाएगी। आपको बता दें कि तेलंगाना में टीआरएस और बीजेपी में अघोषित गठबंधन है। के चंद्रशेखर राव फिलहाल तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं, लेकिन जीत के बाद फिर वे ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
सीपीआई ने तेलंगाना विधानसभा चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। पीटीआई की एक खबर के मुताबिक सीपीआई नेता सुरवरम सुधाकर रेड्डी ने कहा कि मतदान से एक दिन पहले खूब पैसा देकर वोट खरीदे गए। टीआरएस की जीत मौलिक नहीं, बल्कि तनीकी है।
टीआरएस चीफ के. चंद्रशेखर राव तेलंगाना की गजवेल सीट से करीब 50 हजार वोट से चुनाव जीत गए हैं।
टीआरएस तेलंगाना में एक बार फिर सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है। लेकिन उसके दो पूर्व मंत्री चुनाव हार गए हैं। इन पूर्व मंत्रियों में तुम्माला नागेश्वर राव को पलेर और जुपल्ली कृष्णा राव को कोल्लापुर से हार का सामना करना पड़ा है।
तेलंगाना में कांग्रेस ने टीआरएस से बुरी तरह पिछड़ने के बाद ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को इस बारे में लिखित शिकायत दी है।
तेलंगाना की सिद्दीपेट विधानसभा सीट से टीआरएस के नेता और निवर्तमान मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के भतीजे टी.हरीश राव ने जीत दर्ज की है।
तेलंंगाना में आ रहे चुनाव रुझानों पर कांग्रेस ने हैरानी जतायी है। कांग्रेस नेता उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा है कि उन्हें ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका है, वीवीपैट की पर्चियों की गिनती की जाना चाहिए। हालांकि टीआरएस ने इन आरोपों से इंकार किया है। टीआरएस सांसद कविता ने कहा कि चुनाव हारने वाली पार्टी हमेशा ईवीएम से छेड़छाड़ की बात कहती है, लेकिन ये पूरी तरह से गलत है।
सिकंदराबाद की कैंट सीट से टीआरएस के उम्मीदवार श्री सायन्ना विजेता घोषित कर दिए गए हैं। अभी तक मिले रुझानों में टीआरएस राज्य की 90 सीटों पर आगे चल रही है।
तेलंगाना की आदिलाबाद सीट से टीआरएस के जोगू रामन्ना 7 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं।
कांग्रेस के तेलंगाना प्रमुख एन उत्तम कुमार हुजूरनगर सीट से आगे चल रहे हैं।
टीआरएस के के टी रामाराव सिरसिल्ला विधानसभा सीट से 15000 वोटों से आगे चल रहे हैं।
तेलंगाना में टीआरएस निर्णायक बढ़त लेती नजर आ रही है। अभी तक मिले रुझानों में टीआरएस 77 सीटों पर और कांग्रेस सिर्फ 16 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। भाजपा 2 सीटों पर आगे है।
अभी तक आए रुझानों में टीआरएस प्रमुख केसीआर एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में नजर आ रहे हैं। रुझानों में टीआरएस ने 76 सीटों पर बढ़त बना ली है। यहां कांग्रेस गठबंधन भी तीस सीटों पर आगे चल रहा है। इसके अलावा अन्य सीटों पर सात उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। इसमें AIMIM लीडर ओवैसी के छोटे भाई चुनाव जीत गए हैं।
AIMIM लीडर अकबरुद्दीन ओवैसी ने चंद्रयान गुट्टा विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर ली है। राज्य में AIMIM अन्य कई सीटों पर आगे चल रही है। अभी तक आए रुझान अगर परिणाम में बदलते हैं तो TRS राज्य में एक बार फिर सरकार बना लेगी। रुझानों में TRS 72 सीटों पर आगे है जबकि 33 सीटों पर कांग्रेस ने बढ़त बना ली है। भाजपा यहां तीन सीटों पर आगे चल रही है।
90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा के शुरुआती रुझानों में कांग्रेस ने बढ़त बना ली है। यहां कांग्रेस के 58 उम्मीदवार आगे चल रहे हैं जबकि भाजपा के 26 उम्मीदवारों ने बढ़त बनाई है। यहां सरकार बनाने के लिए 46 सीटें जीतना जरुरी है। इसके अलावा 230 सीटों वाला मध्यप्रदेश त्रिशंकु विधानसभा की ओर जाता दिखाई पड़ता है। यहां रुझानों में भाजपा 110 तो कांग्रेस 109 सीटों पर आगे चल रही है। इसके अलावा 6 निर्दलीय उम्मीदवार भी रुझानों में आगे चल रहे हैं। राजस्थान चुनाव की बात करें तो यहां कांग्रेस ने रुझानों में अच्छी बढ़त बना ली है। 199 सीटों वाली राजस्थान में कांग्रेस के 88 उम्मीदवार आगे चल रहे हैं जबकि भाजपा के 80 उम्मीदवारों ने बढ़त बना ली है। 40 सीटों वाले मिजोरम में कांग्रेस 13 सीटों पर आगे है जबकि एमएनएफ 22 सीटों पर आगे है। यहां भाजपा ने दो सीटों पर बढ़त बनाई है। बता दें कि यह आकड़ें सुबह दस बजे तक के हैं।
केसीआर की टीआरएसएस ने शुरुआती रुझाने में 60 सीटों पर बढ़त बना ली है। इस तरह से 119 सीटों वाली तेलंगाना विधानसभा की बात करें तो यहां आंकड़ा सरकार बनाने के लिए प्रर्याप्त है। इसके अलावा 33 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर चल रही है। यहां भाजपा भी दो सीटों पर आगे चल रही है।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव की मतगणना में अब तक टीआरएसएस 40, कांग्रेस 34 और भाजपा 6 सीटों पर आगे चल रही है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर विपक्षी दलों को चौंकाते हुए तय समय से पांच महीने पहले ही चुनाव मोड में आ गए।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव की मतगणना में अब तक कांग्रेस 10, टीआरएस 9 और बीजेपी 2 सीट पर आगे चल रहे हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर विपक्षी दलों को चौंकाते हुए तय समय से पांच महीने पहले ही चुनाव मोड में आ गए।
कांग्रेस गठबंधन 8 सीट पर आगे चल रहा है। टीआरएस को 7 सीट जबकि बीजेपी को 1 सीट पर लीड मिली है। यहां कांग्रेस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) के साथ गठजोड़ कर लिया है। टीजेएस एम. कोडांदरम के नेतृत्व वाली एक नवगठित पार्टी है, जो किसी जमाने में तेलंगाना आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के दोस्त रहे थे।
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एक्जिट पोल में 119 सदस्यीय विधानसभा में टीआरएस को 79-91 सीटें दी गई हैं, जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन को 21-33 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन एआईएमआईएम को 4-7 सीटें और भाजपा को 1-3 सीटें दी गई हैं। टाइम्स नाउ-सीएनएक्स के सर्वे में टीआरएस को 66 सीटें और कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन को 37 सीटें दी गई हैं।
चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले पीपुल्स फ्रंट के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद की जा रही है। पीपुल्स फ्रंट में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो कि सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है, कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में तीसरी बड़ी पार्टी है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अगुवाई वाला बहुजन वाम मोर्चा भी अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव ने कहा कि ज्यादातर एक्जिट पोल में टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) तेलंगाना में सत्ता पर काबिज होती दिख रही है और इसके सही साबित होने की संभावना है। त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में उनकी पार्टी के समक्ष उपलब्ध विकल्पों पर राव ने कहा कि अभी इस पर टिप्पणी करना मुश्किल है क्योंकि यह पता नहीं है कि टीआरएस को कितनी सीटें मिलने जा रही है। राव ने यह संकेत दिया कि कांग्रेस को विपक्ष में रखने के लिए भाजपा के. चंद्रशेखर राव से हाथ मिलाने से गुरेज नहीं करेगी।
एआईएमआईएम प्रमुख ने ट्वीट किया, "इंशाअल्लाह, वह अपने दम पर सरकार बनाएंगे और मजलिस उनके साथ खड़ी होगी। राष्ट्र निर्माण के विशाल लक्ष्य के लिए यह हमारा पहला कदम है।" पिछली 119 सदस्यीय विधानसभा में एआईएमआईएम के सात सदस्य थे और इस बार पार्टी ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा है, और सभी सीटें हैदराबाद की हैं। राज्य की बाकी सीटों पर उसने टीआरएस को समर्थन किया है।
यदि भाजपा टीआरएस के साथ जाती है तो क्या एआईएमआईएम पीछे हट जाएगी? इस सवाल पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘‘ऐसा परिदृश्य नहीं उभरेगा। भाजपा की (भंग विधानसभा में) पांच सीटें हैं और यह घटेगी ही, कल पूर्वाह्न तक आप देखेंगे।’’ उनका बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा ने संकेत दिया है कि यदि टीआरएस बहुमत से पीछे रह जाती है तो उसे समर्थन देने का विकल्प बंद नहीं हुआ है।