तेलंगाना में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को बाधित करने की किसी भी कोशिश को असफल करने के लिए छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे एवं वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों के 500 से अधिक मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र से लगे आठ जिलों के 511 मतदान केंद्र वामपंथी उग्रवाद वाले हैं

चुनाव अधिकारी स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए सभी आवश्यक तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुल 119 विधानसभा क्षेत्रों में से 14 निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान वामपंथी उग्रवाद को लेकर संवेदनशील के तौर पर की गई है। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से लगे तेलंगाना के आठ जिलों के 511 मतदान केंद्रों की पहचान वामपंथी उग्रवाद प्रभावित के तौर पर की गई है।

मतदान के समय वामपंथी उग्रवाद वाले इलाकों के केंद्रों और अन्य केंद्रों में होगा अंतर

तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) विकास राज ने बताया, इसके मद्देनजर उन इलाकों में राज्य पुलिस बल के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने बताया कि मतदान के समय में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों के मतदान केंद्रों और अन्य मतदान केंद्रों में अंतर होगा। विकास राज ने कहा, वहां अधिक सुरक्षा बलों की तैनाती होगी।

इन मतदान केंद्रों पर स्थानीय बल के साथ-साथ सीएपीएफ की कम से कम एक टीम तैनात होगी। सुरक्षा बलों की यह तैनाती अन्य क्षेत्रों में सामान्य रूप से तैनात जवानों से अतिरिक्त होगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या अधिकारियों को माओवादियों से किसी खतरे या हिंसा की आशंका है, तो उन्होंने कहा, हमारे यहां ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। मुझे उम्मीद है कि ऐसा कुछ नहीं होगा। निश्चित तौर पर पुलिस पूरी तरह से तैयार है और वह खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रही है। विकास राज ने बताया कि तेलंगाना में केंद्रीय बलों की 100 कंपनियां अबतक आ चुकी हैं और जरूरत के हिसाब से उन्हें जांच चौकियों पर तैनात किया जा रहा है और वे फ्लैग मार्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा, वे अपनी उपस्थिति महसूस कराने लगे हैं।

उन्होंने बताया कि कुल 35 हजार मतदान केंद्रों में से 10 हजार की पहचान संवेदनशीलता की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण के तौर पर की गई है। उन्होंने कहा, यह एक अस्थायी संख्या है और चुनाव की तारीख नजदीक आने पर स्थिति कैसी होगी, इसके आधार पर यह बदल सकती है। संवेदनशील और अति संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान करने की कवायद चल रही है।