केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के चुनावी हलफनामे में बताई गई शैक्षिक योग्यता को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस ने स्मृति पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि चुनाव आयोग को स्मृति का नामांकन खारिज करना चाहिए। वहीं, ईरानी के बचाव में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी उतर आए हैं। उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा। एक ट्वीट में स्वामी ने कहा, ‘..बुद्धू ने भी अपने नॉमिनेशन फॉर्म में गलत जानकारी देते हुए दावा किया है कि उसके पास एमफिल की डिग्री है। वह प्री-थीसिस एग्जाम में फेल था, इसलिए उसे थीसिस लिखने की इजाजत नहीं मिली। उसे कहो कि अपनी थीसिस पेश करे या फिर एग्जाम के नतीजे के सबूत दिखाए।’ बता दें कि ईरानी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा है कि भले ही उन्हें कितना भी अपमानित और प्रताड़ित किया जाता रहे, वह अमेठी के लिए और कांग्रेस के खिलाफ मेहनत से काम करती रहेंगी।
इससे पहले, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ”समस्या यह नहीं है कि कोई कितना पढ़ा है, लेकिन जब इस देश की प्रजातांत्रिक प्रणाली को धोखा देकर, झूठ बोलकर जनता की आंख में धूल झोंकने की कोशिश की जाती है तो दिक्कत है।” उन्होंने दावा किया कि मंत्री ने अलग-अलग चुनावी हलफनामे में अलग-अलग जानकारी दी है। इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने मशहूर सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के गीत की तर्ज पर कहा, ”क्वालीफिकेशन के रूप बदलते हैं, नए-नए सांचे में ढलते हैं। एक डिग्री आती है, एक डिग्री जाती है, बनते एफेडिएविट नए हैं… क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी।” उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पिछले कुछ चुनावों के हलफनामों की कॉपी जारी करते हुए कटाक्ष किया, ”स्मृति ईरानी जी ने बताया कि किस तरह से ग्रैजुएट से 12वीं पास हो जाती हैं, यह मोदी सरकार में ही मुमकिन है। 2004 के लोकसभा चुनाव के अपने हलफनामे में स्मृति बीए थीं। फिर 2011 राज्यसभा के चुनावी हलफनामे में वह बीकॉम फर्स्ट ईयर बताती हैं। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर वह बीए पास कर लेती हैं। अब फिर से उनके पास बीकॉम फर्स्ट ईयर की डिग्री हो गई है।”
The scatter brained spokesperson is now ranting about Smriti Irani’s degree.Buddhu has also in his nomination form falsely claimed that he got MPhil degree. He failed the pre-Thesis exam so so not permitted to write his thesis. Ask him to produce his thesis or exam results proof.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) April 12, 2019
वहीं, भाकपा ने भी सियासी हमला तेज करते हुए कहा कि देशवासियों से अपनी शिक्षा संबंधी जानकारी छुपाते रहे मोदी और ईरानी को अब देश को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने शुक्रवार को कहा कि मोदी कभी खुद को गुजरात के किसी विश्वविद्यालय से तो कभी दिल्ली विश्वविद्यालय से स्रातक बताते हैं। इसी तरह मोदी सरकार की मंत्री स्मृति ईरानी के चुनावी हलफनामे से उनकी शिक्षा संबंधी जानकारी में विरोधाभास का खुलासा हुआ है। उन्होंने इसे फर्जीवाड़े का मामला बताते हुये कहा कि इस मामले में ईरानी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जानी चाहिए।
(भाषा इनपुट्स के साथ)