कर्नाटक का किंग कौन होगा? इस पर कांग्रेस में पिछले कुछ दिनों से जारी उथल-पुथल अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। पार्टी ने फैसला लिया है कि एक बार फिर कर्नाटक की कमान सिद्धारमैया को सौंपी जाए और डीके शिवकुमार को उनका डिप्टी सीएम बनाने का फैसला हुआ है। रिपोर्ट्स के हवाले से यह जानकारी मिली है और इसके मुताबिक, सिद्धारमैया शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

कल ही सिद्धारमैया का नाम मुख्यमंत्री के लिए लगभग तय माना जा रहा था। उनके पास ज्यादातर विधायकों का समर्थन है और वह कर्नाटक चुनाव से पहले ही इस बात की घोषणा कर चुके थे कि वह आखिरी बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। उन्होंने चुनाव से पहले नाम वापस लेने का भी मन बना लिया था, तब उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम पर विचार नहीं कर रही है और नई लीडरशिप के बारे में सोच रही है, तो वह चुनाव से अपना नाम वापस ले लेंगे। इन सभी कारणों से उनके मुख्यमंत्री बनने की ज्यादा उम्मीद लग रही थी।

पिछले तीन दिनों से सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार दिल्ली में हैं। इस दौरान, दोनों की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पार्टी के कई नेताओं के साथ बैठकें हो चुकी हैं। कल दोपहर भी राहुल गांधी ने दोनों नेताओं से अलग-अलग बैठकें कीं। बैठकों के बाद, डी के शिवकुमार अपने विधायकों और उनके करीबी नेताओं के साथ अपने भाई और लोकसभा सांसद डी के सुरेश के आवास पर गए। पार्टी की कर्नाटक महिला शाखा की अध्यक्ष पुष्पा अमरनाथ ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया के नाम को मंजूरी दे दी गई है। अमरनाथ को सिद्धारमैया का वफादार माना जाता है।

13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा शुरू हो गई थी। डी के शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों ही सीएम पद के लिए अड़े थे। पार्टी हाईकमान ने सीएम पद के लिए तीन पर्यवेक्षकों को बेंगलुरु भेजा था और विधायकों से बात करने के बाद उन्होंने रिपोर्ट मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपी। हालांकि, सभी विधायकों ने इस बात पर सहमति जताई कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही इस पर फैसला लें, लेकिन कुछ सूत्रों ने बताया कि पर्यवेक्षकों से हुई बैठक में ज्यादातर विधायकों ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाए जाने की इच्छा जताई थी।

उधर, डी के शिवकुमार ने भी यह बात स्वीकार की थी कि उन्हें विधायकों का समर्थन प्राप्त नहीं है। हालांकि, वह लगातार इस बात का दावा कर रहे थे कि उन्होंने कर्नाटक में पार्टी को जीताने के लिए कड़ी मेहनत की है और उन्होंने पार्टी हाईकमान से जो वादा किया था, वो पूरा कर दिया है। खैर, पार्टी ने फैसला ले लिया है कि सिद्धारमैया कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे।