मिजोरम चुनाव के नतीजे आ गए हैं। जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) ने इतिहास रच दिया है। ZPM ने 27 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं सत्तारूढ़ MNF 10 सीटों पर सिमट गई। लंबे और संघर्षपूर्ण पब्लिक लाइफ के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा मिजोरम के नए मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। सेर्चिप निर्वाचन क्षेत्र से 2,982 वोटों से चुनाव जीतने वाले 73 वर्षीय लालदुहोमा तीन दशकों में राज्य के पहले नए सीएम होंगे।

लालदुहोमा की ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) एक नई क्षेत्रीय पार्टी (जो पहली बार एक मान्यता प्राप्त पार्टी के रूप में) विधानसभा चुनाव लड़ रही है। ZPM ने सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट के खिलाफ शानदार जीत हासिल की है। 15 निर्वाचन क्षेत्रों में और 12 पर आगे चल रही है। इसके साथ ZPM राज्य में कांग्रेस-एमएनएफ के एकाधिकार को तोड़ रही है। यह पहली बार होगा कि राज्य के गठन के बाद से कांग्रेस या एमएनएफ के अलावा कोई अन्य पार्टी सत्ता में आएगी। 1987 से सत्ता लगातार दोनों पार्टियों के बीच बदलती रही।1993 के बाद से मुख्यमंत्री पद बारी-बारी से कांग्रेस के ललथनहावला और एमएनएफ के ज़ोरमथांगा के बीच आता रहा है।

लालदुहोमा की राजनीति

नॉर्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री पूरी करने के बाद लालदुहोमा भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हो गए। सेवा में रहते हुए वह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी बन गए। उन्होंने 1984 में सेवा से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए और उसी वर्ष लोकसभा के लिए चुने गए। 1988 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद वह दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद भी बने। ZPM के गठन से पहले वह 2003 में अपने द्वारा स्थापित एक अन्य पार्टी ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी से विधायक चुने गए थे।

ZPM की शुरुआत 2017 में छह छोटे क्षेत्रीय दलों और नागरिक समाज समूहों के एक मूवमेंट के रूप में हुई थी। 2018 में विधानसभा चुनावों के दौरान यह एक मान्यता प्राप्त पार्टी नहीं थी। इसके बजाय संगठन द्वारा समर्थित 38 निर्दलीय उम्मीदवार थे, जिनमें से आठ जीत गए। विधानसभा में वह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गयी। 2019 में, ZPM को एक पार्टी के रूप में मान्यता दी गई थी।

ZPM ने 2021 में सेरछिप से उप-चुनाव लड़ा और लालदुहोमा ने जीत हासिल की। दरअसल 2018 में वह जीते थे लेकिन विधानसभा से अयोग्य ठहरा दिए गए थे। इस जीत ने राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में उनकी उपस्थिति पर मुहर लगा दी।

चुनावों से पहले ZPM और लालदुहोमा ने कांग्रेस और MNF दोनों के खिलाफ दशकों की सत्ता विरोधी लहर पर काफी भरोसा किया। उन्होंने एमएनएफ पर भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन का हिस्सा बनकर अपना क्षेत्र को धोखा देने का आरोप लगाया। एमएनएफ की तरह जेडपीएम भी मिज़ो पहचान पर जोर देता है।