समाजवादी पार्टी के प्रमुख जनाधार वाला केंद्र उत्तर प्रदेश का यादव लैंड माना जाता है। राजनीतिक विश्लेषक ऐसा मान कर चलते हैं कि यह समाजवादी पार्टी का प्रमुख आधार स्तंभ है, लेकिन 2014 में मोदी राज के प्रभावी होने के बाद गढ़ में सेंध लगनी शुरू हो गई है।
‘इंडिया’ गठबंधन का प्रमुख घटक दल सपा अपने गढ़ को मजबूत करने की दिशा में सक्रिय हो गया है।

जहां भारतीय जनता पार्टी अपने हिंदुत्व एजंडे के माध्यम से सपा के गढ़ में सेंधमारी करने में जुटी है। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी अपने ‘पीडीए फार्मूले’ के तहत समाजवादी परचम फहराने का सपना देख रही है। समाजवादी पार्टी का प्रमुख केंद्र इटावा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद आदि संसदीय सीट मानी जा रही है।

अगर बात करें तो इटावा संसदीय सीट की तो मोदी राज के प्रभावी होने के साथ ही 2014 में अशोक दोहरे के सांसद बनने के बाद भाजपा के खाते में बनी हुई है। 2014 के संसदीय चुनाव में भाजपा के अशोक दोहरे ने इस सीट पर जीत हासिल की है तो 2019 के संसदीय चुनाव में भाजपा से रामशंकर कठेरिया जीत हासिल कर चुके हैं।

2024 के संसदीय चुनाव के लिए भाजपा ने एक बार फिर से प्रो रामशंकर कठेरिया को इटावा संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा है जबकि समाजवादी पार्टी की ओर से अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है। 2009 में समाजवादी पार्टी से प्रेमदास कठेरिया इटावा संसदीय सीट से निर्वाचित हुए थे।