यूपी वेस्ट की सहारनपुर लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। यहां प्रमुख दलों के उम्मीदवारों की जीत-हार में उनके विधायकों की भूमिका भी रहेगी। दिलचस्प यह है कि तीन प्रमुख उम्मीदवारों में से दो का अपना कोई विधायक ही नहीं है। सहारनपुर में बीजेपी से राघव लखनपाल शर्मा, कांग्रेस से इमरान मसूद और बसपा से माजिद अली चुनाव मैदान में हैं।
तीसरी बार चुनाव लड़ रहे भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा के पक्ष में उनकी पार्टी के तीन विधायक सहारनपुर महानगर के राजीव गुंबर, रामपुर मनिहारान के देवेंद्र निम और देवबंद क्षेत्र के बृजेश सिंह चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर अपने प्रत्याशी के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं।
दूसरे प्रमुख उम्मीदवार कांग्रेस के इमरान मसूद का यह तीसरा लोकसभा चुनाव है। उनकी पार्टी का सहारनपुर संसदीय क्षेत्र में कोई विधायक नहीं है। इमरान मसूद पांचों विधानसभा क्षेत्रों में खुद ही अपने चुनाव अभियान की अगुआई कर रहे हैं। अलबत्ता उन्हें समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी के दो विधायक बेहट के उमर अली खान और सहारनपुर ग्रामीण के आशु मलिक का साथ जरूर मिल सकता है।
फजर्लुरहमान कुरैशी को प्रत्याशी बनाना चाहते थे अखिलेश
खुद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहारनपुर सीट से बसपा सांसद फजर्लुरहमान कुरैशी को उम्मीदवार बनाना चाहते थे। कांग्रेस के कोटे में सीट चले जाने पर उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से फजर्लुरहमान को उम्मीदवार बनाने की पेशकश की थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी इमरान मसूद के नाम पर ही अड़ी रही।
बेहट विधानसभा सीट पर तो 2007 के विधानसभा चुनाव में इमरान मसूद ने मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव सरकार में शामिल मंत्री जगदीश राणा को परास्त कर दिया था। इधर, बसपा से तीन बार विधायक रहे जगपाल सिंह भाजपा में हैं। उन्होंने पिछला चुनाव सहारनपुर देहात सीट से भाजपा के टिकट पर लड़ा था।
गुर्जर बिरादरी के मुकेश चौधरी और कीरतपाल सिंह भाजपा से विधायक हैं। हालांकि दोनों की विधानसभा सीटें कैराना लोकसभा क्षेत्र में पड़ती हैं। सहारनपुर सीट पर उलझन की स्थिति बनी हुई है। देखने में मुकाबला त्रिकोणीय यानी भाजपा-कांग्रेस और बसपा में दिखता है।