लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी से मैदान में उतरे हैं। बीजेपी ने पीएम के चुनावी अभियान पर नजर रखने के लिए शहर के महमूरगंज इलाके में एक बहुमंजिला इमारत के दूसरे फ्लोर पर 4000 स्क्वायर फीट क्षेत्र में अपना चुनावी दफ्तर बनाया है।

बीजेपी के दफ्तर से पार्टी के उन नेताओं को एक पांच पेज वाला बुकलेट बांटा जा रहा है, जो क्षेत्र में पीएम के लिए प्रचार करने जा रहे हैं। ये नेता मोदी के सांसद रहते बीते 5 साल में वाराणसी में कराए गए विकास कार्यों के बारे में बात कर रहे हैं। हालांकि, विकास का मुद्दा जमीन पर बीजेपी के चुनावी अभियान का प्रभावी थीम नहीं है।

इसके बजाए, पार्टी ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ को मुद्दा बनाया है। बीजेपी यह बताने की कोशिश कर रही है कि आखिर क्यों आतंकवाद और नक्सलवाद से लड़ने के लिए मोदी सरकार को दोबारा सत्ता में आना चाहिए। 25 अप्रैल को मोदी ने वाराणसी में अपना नामांकन दखिल किया था। इससे पहले एक रोड शो भी निकाला गया। इसके लिए बीजेपी ने रोड शो के रास्ते में 100 से ज्यादा मंच बनवाए थे। इन मंचों से फूलों की बारिश की गई और साथ ही देशभक्ति वाले गाने भी बजाए गए।

इसी दिन जब पीएम ने वाराणसी के लोगों को संबोधित किया तो उन्होंने 2006 में संकटमोचन मंदिर में हुए धमाके का जिक्र किया। मोदी के आने से पहले ही संकट मोचन संगीत समारोह के दौरान कुछ कलाकारों ने विभिन्न आतंकी हमलों में शहीद हुए अफसरों की पेटिंग आदि बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। इनमें पूर्व मुंबई एटीएस चीफ हेमंत करकरे की पेंटिंग भी शामिल थी। हालांकि, बाद में करकरे पर बीजेपी की भोपाल से उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के विवादास्पद बयान से पार्टी ने दूरी बना ली थी।

आतंकवाद पर कसी लगामः बीजेपी के एक कार्यकर्ता संतोष के मुताबिक, ‘वाराणसी में बीते 5 साल में हजारों करोड़ रुपये का विकास कार्य हुआ है। लोग अपनी दैनिक जिंदगी में इसे देख रहे हैं। हालांकि, वोटरों को यह जानना चाहिए कि मोदी सरकार ने आतंकवाद पर लगाम कसी है और पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक किया।’

उधर, लोक जागरण मंच के बैनर तले कुछ आरएसएस कार्यकर्ता भी इससे मिलता जुलता अभियान चला रहे हैं। वे ‘राष्ट्रवादी पार्टी’ को समर्थन देने की अपील कर रहे हैं। वे उन लोगों को खारिज करने कह रहे हैं, जिन्होंने ‘सुरक्षाबलों की बहादुरी’ पर सवाल उठाए।

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जीत का अंतर बढ़ाना चाहते हैंः महमूरगंज स्थित आरएसएस दफ्तर के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘मोदी की जीत पक्की है। हम मतदान की प्रतिशतता को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसकी दो वजह हैं। पहली, हमें इस बात की चिंता है कि इस चिलचिलाती गर्मी में बीजेपी का पारंपरिक वोटर वोट डालने नहीं निकलेगा क्योंकि उन्हें मोदी की जीत का भरोसा है। दूसरी बात यह है कि हम जीत का अंतर बढ़ाना चाहते हैं।’

केजरीवाल को 3.7 लाख वोट से हराया थाः बता दें कि 2014 के आम चुनाव में मोदी को 5.81 लाख वोट मिले थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को 3.7 लाख वोटों से हराया था। वहीं, 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वाराणसी लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले 5 विधानसभा क्षेत्रों में से 4 पर जीत दर्ज की थीं। पांचवीं सीट सहयोगी अपना दल के खाते में गई थी। मोदी से पहले भी वाराणसी बीजेपी का गढ़ रहा है। 1991 से पार्टी के पास यह सीट है, लेकिन 2004 में कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा जीते थे।