कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तिथि करीब आते ही राजनीति भी गरमाने लगी है। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक नेता ने राज्‍य में सत्‍तारूढ़ कांग्रेस को लेकर विवादास्‍पद बयान दिया है। के. प्रभाकर भट ने कहा कि कांग्रेसी मंत्री के मंदिर जाने पर उसकी शुद्धी तो करनी होगी। उनके निशाने पर कर्नाटक के खाद्य मंत्री यूटी कादर थे। आरएसएस नेता ने खैरांगला (बंतवाल) के अमृतधारा गौशाला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह यह जानना चाहते हैं कि एक मुसलमान मंत्री को मंदिर में घुसने की अनुमति कैसे मिली। प्रभाकर भट ने कहा, ‘मंदिर के पुजारी ने क्‍या अपना विवेक खो दिया था कि उन्‍होंने मंत्री का पान के पत्‍तों के साथ पारंपरिक तरीके से स्‍वागत किया। कादर जिस किसी मंदिर में जाएंगे उसका पवित्र जल से अवश्‍य शुद्धीकरण किया जाना चाहिए।’ कर्नाटक में सत्‍तारूढ़ कांग्रेस ने आरएसएस नेता के विवादित बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने स्‍थानीय कोनाजे थाने में प्रभाकर भट के खिलाफ शिकायत दी है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153(ए) (धार्मिक और जाति के आधार पर विद्वेष फैलाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें जनप्रतिनिधित्‍व कानून का उल्‍लंघन करने से जुड़ी धारा भी जोड़ी गई है।

दक्षिण कन्‍नड़ जिले की कांग्रेस समिति के कानूनी और मानवाधिकार विभाग के अध्‍यक्ष एसी. विनयराज ने आरएसएस नेता के बयान की कड़ी आलोचना की है। उन्‍होंने कहा, ‘भाजपा और आरएसएस मंगलुरु में सिर्फ हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने में जुटे हैं। राष्‍ट्र आज हिंसा से इसलिए नहीं जूझ रहा है कि कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं, बल्कि अमालोगों की चुप्‍पी के कारण ऐसा हो रहा है। समय आ गया है कि हमें आवाज उठानी चाहिए।’ कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेताओं ने आरएसएस नेता के बयान को संविधान के भी खिलाफ करार दिया है। उनका कहना है कि कादर स्‍थानीय विधायक और मंत्री हैं। ऐसे में धर्म के आधार पर भेदभाव किए बगैर सभी के हित में काम करना उनका दायित्‍व है। बता दें कि कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होंगे, जबकि मतगणना 15 मई को होगा। ऐसे में कर्नाटक में सत्‍तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा जोरशोर से चुनाव प्रचार में जुटी है।